Hindu Marriage: एक ही गोत्र में क्यों नहीं होती शादी? सदियों से चल रही परंपरा की ये है वजह

punjabkesari.in Sunday, Dec 03, 2023 - 06:38 PM (IST)

हिंदू धर्म में शादी का बंधन बहुत ही खास और पवित्र होता है। इसमें सिर्फ एक लड़का- लड़की का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। कई सारी रस्में निभाई जाती है और शादी से पहले लड़की और लड़का कुंडली भी मिलाई जाती है । कुंडली देखते हुए इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि होने वाले वर- वधु एक ही गोत्र के न हो। 


इस वजह से रखा जाता है वर- वधु का गोत्र अलग

शास्त्रों के हिसाब  से एक समान गोत्र के लड़के और लड़की  आपस में भाई- बहन होते हैं। इसलिए शादी के दौरान गोत्र अलग होना बहुत जरूरी है, यानी समान गोत्र में शादी करने वाले एक ही परिवार के माने जाते हैं। एक ही गोत्र में पैदा हुए लोगों की शादी आपस में होने पर हिंदू धर्म में पाप माना जाता है। समान गोत्र में शादी करने से ऋषि  परंपरा का उल्लंघन कहा जाता है। एक समान गोत्र में शादी करने पर विवाह दोष भी हो सकता है, जिससे पति- पत्नी के रिश्ते में दूरियां, कलेश और खटास पैदा होती है। 

संतान दोष का भी रहता है खतरा

शास्त्रों की मानें तो समान गोत्र में किसी की शादी हुई है तो उनसे उत्पन्न संतान लंबे समय तक बीमारियों की चपेट में रहता है। इस तरह की संतान में अवगुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि एक ही गोत्र में शादी करने से जो संतान उत्पन्न होती है, उसमें शारीरिक और मानसिक रोग उत्पन्न होते हैं। इसके अलावा इन संतानों में नयापन भी नहीं होता है। 

Content Editor

Charanjeet Kaur