प्रेगनेंसी में महिलाएं क्यों लेती हैं खर्राटे? जानिए इसके कारण और बचाव

punjabkesari.in Wednesday, Aug 25, 2021 - 04:46 PM (IST)

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई हार्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ता है। शरीर में होने वाले इन हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस, चक्कर आना, उल्टी-मतली, जी मचलाना, मूड़ स्विंग जैसी परेशानियां भी झेलनी पड़ती है। वहीं, प्रेगनेंसी में खर्राटे आना भी आम बात है। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपका बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है और इस समस्या को दूर कैसे किया जाए।

प्रेगनेंसी में महिलाएं क्यों लेती हैं खर्राटे?

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे म्यूकस मेम्बरेन में सूजन आ जाती है। इसके कारण गले व फेफड़े में बलगम बढ़ जाता है और नाक बंद हो जाती है। ऐसे में इसकी वजह से सोते समय महिला को खर्राटे आ सकते हैं।

हर चौथी महिला को खर्राटे की शिकायत

अगर किसी महिला ने पहले कभी खर्राटे ना लिए हो तो उसे भी प्रेगनेंसी में इस झंझट का सामना करना पड़ता है। हर 10 में से 4 महिलाओं को प्रेगनेंसी में खर्राटे की समस्या होती है। प्रेगनेंसी में खर्राटे लेना बेहद आम है, जो अंतिम तिमाही तक 14% तक बढ़ सकते हैं। 

ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे...

. हार्मोनल बदलाव
. बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स अधिक होना।
. राइनाइटिस की समस्या (नाक से जुड़ी सूजन)
. स्लीप डिसऑर्डर ब्रीथिंग
. मोटापा
. वायु मार्ग से जुड़े टीशू में सूजन आना
. मुंह के ऊपरी भाग में सूजन आना
. किसी एलर्जी या जुकाम के कारण
. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया यानी ओएसए

नाक के छिद्रों को विभाजित करने वाली हड्डी का मुड़ना या उसमें सूजन के कारण भी ऐसा हो सकता है, जिसे नसल सेप्टम कहते हैं। इसके कारण महिलाएं खर्राटे लेना शुरू कर देती हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान खर्राटों से बचाव

वैसे तो खर्राटे लेना सेहत के लिए हानिकारक नहीं है लेकिन कई बार इसके कारण नींद खराब हो जाती है। ऐसे में आप कुछ टिप्स फॉलो करके इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं।

1. प्रेगनेंसी में शराब, तंबाकू, सिगरेट का सेवन ना सिर्फ खर्राटों का कारण बनता है बल्कि इससे भ्रूण को भी नुकसान हो सकता है। ऐसे में इससे जितना हो सके दूरी बनाकर रखें।
3.संतुलित आहार को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। ऐसा चीजें अधिक खाएं जिनमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन्स व आयरन हो।
3. इस दौरान पेट के बल ना सोएं। साथ ही एक तरफ करवट लेकर सोने की कोशिश करें।
4. बेडरूम को ज्यादा शुष्क और नम ना रखें।
5. चूंकि मोटापा भी खर्राटों का कारण है इसलिए वजन कंट्रोल में रखें।
6. नियमित व्यायाम करें। साथ ही नेजल स्ट्रिप का यूज करें।

अगर आपको पहले खर्राटे नहीं आते थे तो चिंता ना करें। ऐसा शारीरिक बदलाव के कारण हो सकता है जो प्रसव के बाद खुद ही दूर हो जाएगी।

Content Writer

Anjali Rajput