लोहड़ी में क्यों जलाई जाती है आग? नवविवाहितों के लिए होता है त्योहार का खास महत्व

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2024 - 07:39 PM (IST)

उत्तर भारत का खास त्योहार लोहड़ी इस बार 13- 14 जनवरी को मनाया जाएगा। किसानों के लिए इस त्योहार का खास महत्व है। वो इस दिन नए फसल आने की खुशियां मानते हैं और भगवान से प्रार्थन करते हैं कि फसल अच्छी हो। लोहड़ी के त्योहार में रात को आग जलाकर उसके चारों तरफ पारंपरिक पंजाबी भांगड़ा करने का रिवाज है। इस दिन अग्निदेव की भी पूजा की जाती है और गजक, रेवड़ी और तिल गुड़ डालकर खुशियां मनाई जाती है। आइए आपको बताते हैं इस बारे में विस्तार से खास बातें...

लोहड़ी पर आग जलाने की पीछे ये है वजह

पौराणिक कथाओं के अनुसार लोहड़ी पर आग लगाने का संबंध माता सती से हैं। राजा दक्ष ने एक बार महायज्ञ का आयोजन किया था, तब उन्होंने सभी देवताओं को बुलाया था, लेकिन माता सती को नहीं बुलाया था। इससे नाराज होकर माता सती ने अपने देह को त्याग दिया। माता सती के इस त्याग को याद करते हुए हर साल लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। साथ ही मान्‍यता है कि लोहड़ी के दिन मांगी गई मनोकामना जरूर पूरी होती है।


नवविवाहितों जोड़ों के लिए इस त्योहार का है खास महत्व

नवविवाहितों की पहली लोहड़ी को बहुत ही धूम- धाम से मनाया जाता है। नवविवाहित जोड़ों की पहली लोहड़ी पर विशेष आयोजन होता है और दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ खुशियां मनाई जाती हैं। इस दिन दुल्हन को नए कपड़े और गहने से सजाया जाता है और उनका खास श्रृंगार किया जाता है। इसके अलावा दूल्हा इस दिन नई पगड़ी पहनता है। परंपरा के अनुसार नवविवाहित जोड़े आग में तिल,  मक्‍का और गन्‍ना डालते हैं और लोहड़ी मइया का आशीर्वाद पाने के लिए 7 बार परिक्रमा करते हैं। इस दिन दोस्‍त और रिश्‍तेदार नवविवाहित जोड़ों के लिए उपहार लाते हैं। 

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Charanjeet Kaur