ये हैं वो 'हनुमान', जिनकी वजह से 500 साल बाद अयोध्या नगरी में विराजमान हुए श्री राम

punjabkesari.in Monday, Jan 22, 2024 - 07:24 PM (IST)

अयोध्या में आज पूरे 500 साल बाद रामलला की वापसी हुई है। देशभर में खुशी का माहौल है और बॉलीवुड सेलेब्स से लेकर कई वीईपी हस्तियां इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने पहुंची हैं। लेकिन एक शख्स है जो घर से ही अयोध्या के दृश्य को ऐसे देख रहा है जैसे हनुमान जी भगवान राम को देखते थें। जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें ये शख्स बहुत ही आस्था और श्रद्धा के साथ रामलला को निहारते आ रहे हैं।  आपको बता दें ये कोई और नहीं बल्कि अदालत में राम जन्मभूमि का पक्ष रखकर रामलला की घर वापसी करने वाले वरिष्ठ वकील 96 साल के 'के परासरण' हैं। 


 वो अपने पूरे परिवार के साथ वो घर से ही ये ऐतहासिक क्षण के गवाह बन रहे थे और वो काफी भावुक हो गए। ये तस्वीर वायरल हो गई है। आइए आपको बताते हैं के परासरण के बारे में विस्तार से...

कौन हैं के परासरण?

सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि का मुकदमा जीतना वाले वरिष्ठ वकील के परासरण का पूरा नाम केशलव अय्यंगार परासरण है। उनका जन्म 1927 में  तमिलनाडु के श्रीरंगम में हुआ था। पेशे के तौर पर उन्होंने अपनी पिता के राह पर चलते हुए वकालात को चुना। साल 1958 में उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की। पाराशरण साल 1976 में तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल रहे। साल 2003 में वाजपेयी सरकार के दौरान उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वहीं साल 2011 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।

पाराशरण ने इन दलीलों की वजह से आज रामलला की वापिस हुई मुमकिन

रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद में भगवान राम के पक्ष से लड़ाई लड़ी थी। जब विवाद के दौरान उनसे पूछ गया कि जन्मस्थान  को एक व्यक्ति के रूप में कैसे जगह दी जा सकती है और मूर्तियों के अलावा बाकी चीजों के कानूनी अधिकार कैसे तय होंगे, तो उन्होंने ऋग्वेद का उदाहरण दिया- जहां सूर्य को भगवान माना जाता है, लेकिन उनकी कोई मूर्ति नहीं है। मगर देवता होने के नाते उन पर कानून लागू होते हैं। वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अयोध्या में 55- 60 मस्जिदे है। मुस्लिम समुदाय के लोग किसी दूसरी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं, लेकिन ये हिंदुओं के लिए भगवान राम का जन्मस्थान है और हम उनके जन्मस्थान में बदलाव नहीं कर सकते हैं। अयोध्या मामले के अलावा के परशरण के पराशरण सबरीमाला मामले में भगवान अयप्पा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

 

बता दें दलीले देते हुए वो लगातार 4.5 घंटे रहकर बहस करते रहे। उम्र का लिहाज करते हुए दूसरे वकीलों ने उनसे बैठने का भी आग्रह किया पर पाराशरण  ने कहा कि वो हमेशा अपने clients के लिए खड़े होकर लड़े हैं तो ऐसे में जब इस बार स्वयं भगवान राम उनके client हैं तो बैठकर कैसे दलीलें दे सकते हैं। वो दिन है और आज के दिन, रामलला ने आखिर अपने घर वापसी कर ली है।

प्रियंका के लिए भी लड़े चुके हैं केस

एक बार तो परासरण की याद गांधी परिवार को प्रियंका गांधी की शादी के फौरन बाद तब आ गई थी, जब एक व्यक्ति ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि रॉबर्ट वाड्रा से भी पहले प्रियंका की शादी उससे हो चुकी है। गांधी परिवार के कहने पर खुद के. परासरण ने ये मामला दिल्ली की तीस हजारी की फैमिली कोर्ट में संभाला। बाद में वो व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर साबित हुआ था।

Content Editor

Charanjeet Kaur