कौन है जांबाज चारू सिन्हा, जो नक्सलियों के बाद आतंकियों से लेंगी लोहा?

punjabkesari.in Monday, Sep 07, 2020 - 03:33 PM (IST)

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर इलाके में भारतीयों सैनिकों को आए दिन आंतंकवादियों से दो-चार होना पड़ता है। हालांकि वहां कभी महिला अफसर को तैनात नहीं किया गया लेकिन अब एक महिला जनरल इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) चारु सिन्हा को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर सेक्टर में CRPF की कमान सौंपी गई है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब श्रीनगर के किसी इलाके में महिला इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की गई हो। चलिए आपको बताते हैं कि कौन है चारु सिन्हा...

पहले भी कर चुकी हैं जाबाजी के काम

1996 बैच की चारु तेलंगाना कैडर की IPS ऑफिसर है, जो जम्मू CRPF में इसी पोस्ट पर तैनात थी। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब चारु के हाथ कोई मुश्किल काम आया हो। वह इससे पहले बिहार सेक्टर में CRPF IG रह चुकी हैं, जहां उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ चल रही मुहिम की कमान संभाली थी, जहां उन्होंने काफी अच्छी काम किया।

जम्मू में भी कामयाब रहा कार्यकाल

बिहार का मिशन सफल होने के बाद चारु को जम्मू के CRPF में तबादला कर दिया गया। वह जम्मू में लंबे अरसे से काम कर रही है और अब उन्हें श्रीनगर जाने के ऑर्डर दिए गए हैं, जहां वह बडगाम, गांदरबल और श्रीनगर की कमान संभालेंगी। बता दें कि चारू के साथ 6 IPS और 4 सीनियर कैडर के अधिकारियों को भी इसमें शामिल किया गया है।

सशक्त बनने का था संकल्प

बचपन में बेहद शर्मीले स्वभाव की चारू आज महिला सशक्तीकरण की मिसाल बन गई हैं। वह अपने शर्मीले स्वभाव के कारण बचपन में अकेले घर से बाहर निकलने से भी हिचकती थी और आज वह बड़े-बड़े आतंकियों को धूल चटा देती हैं। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर वूमेन से की। इसके बाद उन्होंने उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में सेंट्रल यूनिवर्सटिी से M.A की डिग्री हासिल की। वह 8वीं कक्षा से ही देश की सेवा करना चाहती थी इसलिए उन्होंने पुलिस ऑफसर बनने का फैसला किया।

खाली समय में करती हैं पुलिस कम्युनिटी

उन्हें खाली समय में घूमना-फिरना, नई किताबें पढ़ना और अपने पालतू डॉग के साथ वॉक पर जाना पसंद हैं। इसके अलावा उन्हें कम्युनिटी पुलिसिंग में काफी यकीन है।

भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उठाए कई कदम

वह पुलिस की वर्दी को भी अपनी ताकत मानती हैं। चारू भ्रष्चार को खत्म करने के लिए कई सख्त कदम उठा चुकी हैं। सिर्फ चोर बदमाश ही नहीं बल्कि भ्रष्ट नेचा भी चारू से खौफ खाते हैं। उनके तबादले के पीछे भी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति ही बताई गई थी।

नक्सलियों का सरेंडर और पुनर्वास करवाया

उन्होंने आंध्र प्रदेश में HIV पीड़ित महिलाओं व बच्चों के अधिकारों के लिए भी आवाज उठाई थी। इसके अलावा वह तटीय इलाकों के मछुआरों और चेंचू आदिवासियों के लिए भी कई सहारनीय काम कर चुकी हैं। इसके अलाव उन्होंने ना सिर्फ नक्सलियों से सरेंडर करवाना बल्कि उनके पुनवार्स में भी मदद की। वह साल 2005 में हुए संयुक्त राष्ट्र के कोसोव शांति मिशन का हिस्सा भी रह चुकी हैं।

Content Writer

Anjali Rajput