नॉर्मल डिलीवरी चाहिए तो आखिरी महीने में क्या करें?

punjabkesari.in Friday, Feb 09, 2024 - 01:46 PM (IST)

प्रेग्नेंसी का नौवांं यानी की आखिरी महीना बाकी के सभी महीनों से बहुत अलग और नाजुक होता है। क्योंकि इस महीने में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी डॉक्टर के बताए समय से पहले भी हो सकती है। इस समय बच्चे का सिर नीचे की ओर आना होता है। खासतौर पर नॉर्मल डिलीवरी के लिए बच्चे का इस पोजिशन में आना बहुत ही जरुरी है। यदि बच्चा नौंवे महीने तक इस पोजिशन में नहीं आता तो सिजेरियन ऑपरेशन भी हो सकता है। नॉर्मल डिलीवरी में कम खतरा होता है और यह मां और बच्चे दोनों के लिए ही सुरक्षित मानी जाती है। ऐसे में कुछ महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी ही चाहती हैं। प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में कुछ बातों का ध्यान रखकर नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं इस आर्टिकल के जरिए कि नॉर्मल डिलीवरी कैसे संभव है।

हैल्दी डाइट 

गर्भावस्था के दौरान हेल्दी डाइट लेने से भी नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। गर्भवस्था के दौरान महिला का खान-पान बच्चे और डिलीवरी के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। जब गर्भवती महिला पौष्टिक आहार लेती है जैसे हरी सब्जियां, फल, दालें, साबुत अनाज, प्रोटीन फूड तो उसके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं। यह मां के स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है और बच्चे का विकास भी ठीक से हो पाता है। ऐसी स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी की संभावना भी बढ़ सकती है। 

पूरा आराम 

जब महिलाएं गर्भवस्था में होती हैं तो उन्हें अपना खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें पूरा आराम करना चाहिए और थकान महसूस होने पर सो जााना चाहिए। रात की लंबी और गहरी नींद बेहद जरुरी मानी जाती है। कम से कम 7-8 घंटे सोना चाहिए ताकि शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिल सके। 

एक्सरसाइज 

गर्भवस्था के आखिरी दिनों में व्यायाम करने से भी नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है। जब गर्भवती महिलाओं के प्रसव का समय पास आता है तो उन्हें व्यायाम और चलना-फिरना बढ़ देना चाहिए। इससे उनके शरीर में एनर्जी बनी रहती है और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। जैसे-जैसे प्रसव का समय पास आता है तो उन्हें घर के काम-काज में मदद करनी चाहिए और थोड़ी वॉक पर भी जाना चाहिए। 

ये तरीके भी आएंगे काम

अजवाइन का लड्डू

सुबह खाली पेट रोज एक गिलास गर्म दूध के साथ एक अजवाइन का लड्डू खाएं। अजवाइन गर्म होती है ऐसे में इससे बने लड्डू गर्म दूध के साथ लेने पर बच्चा जल्दी नीचे की ओर आता है।  इसके अलावा नौंवे महीने में गर्म चीजें खाना फायदेमंद माना जाता है। गर्म चीजें खाने से गर्भाश्य और पेल्विक हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। 

​तिल के लड्डू

तिल की तासीर गर्म होती है ऐसे में तिल से बने लड्डू खाने से भी बच्‍चे को डिलीवरी की पोजीशन में लाने में मदद मिल सकती है। घी में बने तिल के लड्डू खाने से नॉर्मल डिलीवरी आसान होती है।  

खजूर 

महिलाओं के लिए खजूर भी बेहद फायदेमंद होता है। ऐसे में यदि आप खजूर नहीं खा सकती हैं तो रोजाना 4-5 छुहारे खा लें, गर्म दूध में छुहारे मिलाकर खाने से आपको फायदा होगा। 

अंडा

यदि आप अंडा खाती हैं तो गर्भवस्था के नौवें महीने में रोज एक या दो अंडे खाएं। अंडा भी गर्म होता है और इससे शरीर को प्रोटीन भी मिलता है। इसके अलावा अदरक वाला दूध पिएं। आप चाहें तो दूध में अदरक को उबाल कर पी सकती हैं। अदरक की चाय भी आप पी सकती हैं। इसका सेव घूंट-घूंट कर करें इससे मांसपेशियों का तनाव काफी हद तक कम होता है।

गुनगुना पानी

नौवें महीने में गुनगुना पानी पीएं। इससे मांसपेशियों का तनाव कम होता है। यदि आप गुनगुना पानी नहीं पी रही हैं तो कम से कम ठंडा पानी ना पिएं। ठंडे पानी से मांसपेशियां अकड़ सकती हैं जिसके कारण आपको लेबर पेन ज्यादा समय तक रह सकता है।


 

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palak