Women Problem: पीरियड्स के दौरान क्यों होती है यीस्ट इंफेक्शन, यूं करें बचाव
punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 03:18 PM (IST)
महिलाएं हर महीने वैसे ही पीरियड्स के दर्द से बेहाल रहती हैं, ऊपर से इतनी ज्यादा ब्लीडिंग। वहीं अगर इस पर इंफेक्शन हो जाए तो उन की परेशानी ओर भी बढ़ जाती है। जी हां, कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान यीस्ट इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। 4 में से 3 महिलाओं को एक बार यीस्ट इंफेक्शन की समस्या जरूर होती हैं लेकिन बावजूद इसके महिलाएं इस समस्या से अंजान है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह समस्या और कैसे पाएं इससे छुटकारा।
क्या होता है यीस्ट इंफेक्शन?
यीस्ट इंफेक्शन प्राइवेट पार्ट में होने वाला एक तरह का संक्रमण है, जो पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड रखने, लगातर नमी बने रहने और मृत कोशिकाओं व अंडों के जमा होने से बैक्टीरियल के कारण होता है। आमतौर पर योनि में यीस्ट इंफेक्शन तब होता है जब कैंडिडा एब्लीकैंस (एक प्रकार का यीस्ट) योनि में पाया जाता है। कैंडिडा अन्य सूक्ष्मजीवों (Microorganisms) के साथ बैलेंस में काम करता है लेकिन जब बैलेंस बिगड़ जाता है तो इनकी संख्या बढ़ जाती है और योनि तक पहुंच जाती है। यही योनि में यीस्ट इंफेक्शन का कारण भी बनती है।
पीरियड्स में यीस्ट इंफेक्शन के कारण
-पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान ना रखना।
-अधिक देर तक पेड लगाने और लगातार नमी बने रहने के कारण।
-इस दौरान हार्मोन्स लेवल में बदलाव भी इसका कारण बन सकता है।
प्रेगनेंसी में हो सकती है समस्या
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण उन्हें यीस्ट इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है। वहीं गर्भनिरोधक दवाएं लेने के कारण भी महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती हैं। इसके अलावा डायबिटीज और कमजोर इम्यून सिस्टम वाली महिलाओं में भी यीस्ट इंफेक्शन की संभावना अधिक देखने को मिलती है।
संक्रमण के लक्षण
-योनी में खुजली, जलन या असहजता महसूस होना।
-योनि या योनि मार्ग में दर्द होना।
-पेशाब या मल त्याग करते समय तेज दर्द
-सफेद व गाढ़ा योनिस्राव होना।
-लाल चकत्ते या दाने होना।
कैसे करें बचाव?
पीरियड्स के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए अलावा आप घरेलू नुस्खे अपनाकर भी इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं। चलिए आपको बताते हैं यीस्ट इंफेक्शन को ठीक करने के कुछ घरेलू टिप्स।
पर्सनल हाइजीन का रखें ख्याल
इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले तो अपने पर्सनल हाइजीन पर ध्यान दें। दिन में कम से कम 2-3 बार पेड जरूर बदलें और प्राइवेट पार्ट की सफाई भी ठीक से करें। साथ ही जब भी वॉशरूम जाए, वेजाइना को पानी से जरुर धोएं।
हेल्दी फूड लें
इस दौरान शरीर से ब्लड के साथ टॉक्सिंस भी निकलते हैं। साथ ही पीरियड्स में कुछ हार्मोनल बदलाव भी होते हैं, जिसके कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप हैल्दी डाइट लें। अपनी डाइट में आयरन फूड्स, नट्स, एवोकाडो और हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें।
एंटी-बैक्टीरियल फूड
डाइट में एंटी-बैक्टीरियल फूड्स जैसे लहसुन, अदरक, नींबू, नारियल का तेल आदि शामिल करें। इससे इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके अलावा 8-9 गिलास पानी, प्रूट जूस और दूध जरूर पिएं।
टैम्पोन के इस्तेमाल में सावधानी
अगर आप टैम्पोन का यूज करती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप उसे लंबे समय तक इस्तेमाल ना करें। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती हैं। साथ ही इस बात की भी जांच कर लें कि वह साफ हो और इसे बार-बार बदलते रहें।
गुनगुना पानी से सफाई
अगर इंफेक्शन के साथ व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या भी हो वैजाइना की सफाई के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। इससे ना सिर्फ इंफेक्शन की समस्या दूर होगी बल्कि यह जलन व खुलजी से भी राहत दिलाएगा।
खुशबूदार प्रोडक्ट का प्रयोग ना करें
जिन महिलाओं को यह समस्या होती है उन्हें खुशबूदार पाउडर या स्प्रे आदि से दूर रहना चाहिए। खासकर प्राइवेट एरिया पर इनका इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें। इससे शरीर में मौजूद गुड़-बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।
नीम है रामबाण इलाज
एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर नीम से भी आप इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं। इसके लिए नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। फिर इससे वैजाइना की अच्छी तरह सफाई करें। इससे बैड-बैक्टीरिया खत्म होंगे और आपकी समस्या दूर होगी।
पीरियड्स या प्रेगेनेंसी के दौरान यीस्ट इंफैक्शन हो जाए तो इन टिप्स को फॉलो करें। वहीं अगर आपकी बढ़ गई है तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।