क्यों होता है कोलोरेक्टल कैंसर? जानिए क्या बीमारी के लक्षण

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 10:36 AM (IST)

कोलोरेक्टल कैंसर कोलोन (पेट) या रैक्ट ( गुदा या मलाशय) का कैंसर है जो पाटन प्रणाली के नीचले सिरे में स्थित होता है। इसे बॉवेल, कोलेन या रेक्टल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है और यह वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे आम कैंसर है और हर साल इसके करीब 14 लाख नए मामले तथा 6,94,000 मौतें होती हैं। अगर बीमारी का पता शुरू में चल जाए तो मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है।

कारण

कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा 50 साल की आयु के बाद बढ़ जाता है, कोलोरेक्टल पॉलिप्स (कोशिकाओं कैंसर का एक छोटा समूह) या कोलोरेक्टल कैंसर का निजी इतिहास, पेट की इनफलेमेट्री बीमारी का इतिहास ( अल्सेरेटिव कोलाइटिस या क्रोहेन्स डिजीज), कोलोरेक्टल कैंसर का पारिवारिक इतिहास, मोटापा. नियमित शारीरिक गतिविधि/ व्यायाम की कमी।

Image result for stomach pain,लोीग

संकेत

पेट से जुड़ी आदतों में बदलाव जैसे डायरिया, कब्जियत या पेट साफ न होना जो कुछ चलता है, मल का रंग काला होना. कमजोरी या थकान. वजन कम होना, पेट में दर्द या मरोड़।

टेस्ट 

कोलोरेक्टल कैंसर का पता इन परीक्षण से चल सकता है। कोलोनोस्कोपी में टिश्यू के नमूने लेने के लिए (बायोप्सी) कैमरे से जुड़ा एक लंबा और पतला ट्यूब मलाशय या पेट में डाला जाता है।

उपचार

कोलोरेक्टल कैंसर का उपचार इस आधार पर तय होता है कि वह कहां है और किस स्तर का कैंसर है तथा मरीज का संपूर्ण स्वास्थ्य कैसा है।

कोलोनोस्कोपी

अगर कैंसर छोटा है, थोड़ी- सी जगह में है और पॉलिप के अंदर है तो कोलोनोस्कोपी ( पेट या मलाशय में परिवर्तन का पता लगाने के लिए की जाने वाली जांच) के दौरान उसे पूरी तरह हटाया जा सकता है।

Image result for colonoscopy test,nari

एंडोस्कोपिक मुकोसलरीसक्शन

इसका उपयोग बड़े पॉलिप्स की स्थिति में होती है और इसका संबंध कोलोनोस्कोपी से है।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (मिनिमली इनवेसिव सर्जरी)

इसका इस्तेमाल उन मामलों में होता है जहां पॉलिप को कोलोनोस्कोपी के जरिए नहीं हटाया जा सकता है। बढ़े हुए या पुराने उन्न्त कोलोरेक्टल कैंसर का उपचार निम्नलिखित के जरिए किया जा सकता है।

आंशिक कोलेक्टोमी

इस प्रक्रिया के तहत कोलन के उस हिस्से को हटाया जाता है जिसमें कैंसर होता है। इसके साथ आस-पास के कुछ सामान्य टिश्यू भी हटाए जाते हैं जो कैंसर को घेरे रहते है।

रेडियोथैरेपी

कैंसर सेल को मारने के लिए इसमें शक्तिशाली एक्स-रे और प्रोटीन का इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग प्रभावित हिस्से को हटाने के लिए सर्जरी से पहले उसे छोटा करने के लिए किया जाता है।

कीमोथैरेपी

इसमें कैंसर सैल को नष्ट करने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है और आमतौर पर ये दवाइयां सर्जरी के बाद दी जाती है। ऐसा तब होता है जब कैंसर फैल गया होता है।

Image result for chemotherapy,nari

टारगेडड्रग थेरेपी

यह उपचार कैंसर सैल के अंदर खास असामान्यताओं पर केंद्रित होता है। लक्षित औषधि उपचार से उन्हें ब्लॉक कर देता है और इस तरह कैंसर सैल नष्ट हो जाते हैं।

रोकथाम और प्रबंध

- हर हफ्ते 3 से 4 घंटे तक जोरदार शारीरिक गतिविधि से जोखिम कम करने में मदद मिलती है।

- लाल मांस ज्यादा खाने से बचें। इनमें लैम्ब मीट, लीचर और पोर्क के साथ प्रसंस्कृत मांस, जैसे हॉट डॉग्स शामिल हैं।

- धूम्रपान से बचिए और शराब का सेवन सीमित रखिए।

- अपेन आहार में सब्जियां, फल और साबुत अनाज शामिल करें।

- 45 साल की आयु के बाद अपनी नियमित जांच कराते रहें। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Harpreet

Recommended News

Related News

static