पीरियड्स के दौरान होता है ज्यादा दर्द और ब्लीडिंग, कहीं ये सर्वाइकल कैंसर तो नहीं

punjabkesari.in Saturday, Apr 17, 2021 - 02:03 PM (IST)

कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। कैंसर के कई प्रकार हैं। यहां हम आपको केवल सर्वाइकल कैंसर के बारे में बताएंगे। दरअसल, भारत में हार्ट अटैक के बाद महिलाओं की सबसे ज्यादा मौते कैंसर से होती हैं। जिसमें सबसे प्रमुख सर्वाइकल कैंसर ही है। इसे गर्भाशय का कैंसर कहा जाता है।

सर्वाइकल कैंसर के कारण  

सर्वाइकल कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से निम्न कारणों को प्रमुख माना जाता है—

-शरीर में ह्यूमन पैपलोमा वायरस (एचपीवी) का पैदा होना और ज्यादा बढ़ जाना।
- गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि।
- एक से ज्यादा पार्टनर के साथ असुरक्षित सेक्स।
- 20 साल की उम्र से पहले सैक्सुअली एक्टिव होना
- गर्भ निरोधक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल
- पीरियड से संबंधित स्वच्छता का अभाव
- बार-बार प्रेग्नेंट होना।
- अत्यधिक धूम्रपान करना

 सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

हालाकि प्रारंभिक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर का पता नहीं चल पाता। लेकिन कुछ खास शारीरिक संकेतों के माध्यम से इसे पहचाना जा सकता है। जैसे—

-पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग और दर्द होना।
-पीरियड्स का ज्यादा समय तक रहना।
- वेजाइना से वाइट डिस्चार्ड होना और गंध आना।
- सेक्स के दौरान दर्द होना।
- पेशाब के दौरान दर्द और जलन।
-पीठ में दर्द और भूख ना लगना।

भारत में सर्वाइकल कैंसर

देश की बात करें, तो भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में सर्वाइकल कैंसर एक आम कारण है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में कैसर से होने वाली मृत्यु में से कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर है। 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार,  दुनियाभर  में जितने सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आए, उनमें एक तिहाई सिर्फ भारत और चीन से मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस कैंसर के चीन में सबसे ज्यादा  मामले सामने आएं और भारत में सबसे ज्यादा मौते हुईं।

क्या है उपचार और सावधानियां

देश में सर्वाइकल कैंसर के उपचार की कई पद्धतियां हैं। यदि अपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई एक दिखाई देते हैं, तो सबसे पहले बीमारी की स्क्रीनिंग करवाएं। बायोप्सी, सीटी स्कैन एवं पैट स्कैन करवा सकती हैं। संक्रमण से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीन का टीकाकरण करवा सकती हैं। इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं होता। उसके बाद चिकित्सक के परामर्श से आगे का इलाज करवा सकती हैं। इलाज इसकी स्टेज पर निर्भर करेगा, जिसमें रेडियो थेरेपी, सर्जरी और कीमो थेरेपी आते हैं।
 

अपनाएं ये आदते

सर्वाइकल कैंसर न हो, इसके लिए महिलाओं को शुरू से ही कुछ आदते अपनानी होंगी, जैसे—

- ऐसे खान-पान से परहेज करना होगा, जिससे उनका वेट बढ़े।
- धूम्रपान से पूरी तरह दूरी बनानी होगी।
- असुरक्षित यौन संबंधों से बचें।
- कम उम्र में यौन संबंधों से बचें।
- जरूरत से ज्यादा गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल ना करें।
- प्राइवेट पार्टस की साफ सफाई पर खास ध्यान दें।


 

Content Writer

Anjali Rajput