पुराने कपड़ों के साथ क्या करते हैं अमिताभ बच्चन?

punjabkesari.in Tuesday, May 19, 2020 - 08:39 AM (IST)

भले ही बॉलीवुड के एंगरी यंग मैन यानि अमिताभ बच्चन 80 साल के हो गए हो लेकिन उनका स्टाइल आज भी वैसे का वैसा है। आज भी यंग एक्टर उनके डैशिंग लुक को कॉपी करते हैं। स्टाइलिश कोट पैंट से लेकर व्हाइट कुर्ते-पजामे को अलग तरह की शॉल के साथ कैरी करने का उनके ऑरा को पावरफुल बना देता है।

अमिताभ कपड़े भी बहुत कम रिपीट करते हैं, जिससे साबित होता है कि उनके पास कपड़ो की कोई कमी नहीं है। मगर, क्या आप जानते हैं कि जब अमिताभ के कपड़े पुराने हो जाते हैं तो वह उनके साथ क्या करते हैं।

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पुराने कपड़ों के साथ क्या करते हैं बिग बी

अक्सर स्टार्स को फैशन आउट होते ही कुछ कपड़ों को पहनना छोड़ना पड़ता है। मगर, अमिताभ उन्हें फेंकने की बजाए जरूरतमंद लोगों को दे देते हैं या फिर उन्हें सहेजकर रखते हैं।

फैशन रीसाइकल थ्योरी पर करते हैं विश्वास

अमिताभ बच्चन पुराने हो चुके कुछ कपड़ों को संभालकर करके भी रखते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने था कि वह 'फैशन रीसाइकल थ्योरी' पर विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि फैशन बार-बार रिपीट होता है। ऐसे में कई पुराने कपड़े भी नए ट्रैंड में फिट बैठ जाते हैं। यही वजह है कि वो फेवरिट आउटफिट्स को संभालकर रखते हैं।

क्या है फैशन रीसाइकल थ्योरी

दरअसल, फैशन की दुनिया में दो थ्योरी को फॉलो किया जाता है, फैशन साइकल और दूसरी फैशन रीसाइकल।

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फैशन रीसाइकल का मतलब है कपड़ों, जूतों या अन्य चीजों का दोबारा ट्रेंड में लौटना। माना जाता है कि हर 15 या फिर 25 साल में फैशन रिपीट होता है। 1977 में आई फिल्म 'परवरिश' में नीतू सिंह और शाबाना आजमी फ्लेयर्ड प्लाजो पैंट्स पहनी दिखाई दी थीं। 2019 से एक बार फिर इनका चलन लौट आया है। हालांकि, नई फ्लेयर्ड पैंट्स में स्लिट, नॉट बेल्ट तरह की वैरायटी देखने को मिली थी। वहीं 'फैशन साइकल' किसी भी फैशन आइटम के मार्केट में उतरने से लेकर ट्रेंड से बाहर होने का एक पूरा चक्र है जो हर बदलते सीजन के साथ शुरू और खत्म होता है। फैशन साइकल की पांच स्टेज होती हैं।

पहली इंट्रोडक्शन (Introduction) यानी जब उस स्टाइल को मार्केट में पेश किया गया। दूसरी इंक्रीज (Increase) जिसमें फैशन बढ़ना शुरू करता है। तीसरी पीक (Peak), जिसमें स्टाइल आपको लगभग हर जगह दिखाई देता है।

चौथी डिक्लाइन (Decline), इसमें स्टाइल का चलन धीरे-धीरे कम होने लगता है। यह ज्यादातर मामलों में तब होता है जब सेम कैटिगरी में मार्केट में नए फैशन को लाया जाता है।

पांचवी ऑब्सलेसेन्स (Obsolescence) यानी प्रचलन से पूरी तरह बाहर हो जाना। इस स्टेज के आने पर कभी पीक पर रही स्टाइल पूरी तरह से स्टोर्स से गायब हो जाती है और लोग भी उसे फॉलो करना बंद कर देते हैं।


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Content Writer

Anjali Rajput

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