अलविदा किंग! फुटबॉल के जादूगर पेले का मैच देखने के लिए रुक गई थी War

punjabkesari.in Friday, Dec 30, 2022 - 04:46 PM (IST)

साल 2022 में दुनिया ने एक महान शख्स को खो दिया है। ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके निधन से दुनिया भर में शोक की लहर है और लोग सोशल मीडिया के जरिये अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं । पेले लंबे समय से  कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। 

PunjabKesari
फुटबॉल प्रेमियों में शोक की लहर

खुद को फुटबॉल का बीथोवन कहने वाले पेले के फन में ऐसी कशिश थी कि दुनिया को इस खूबसूरत खेल से प्यार हो गया ।  फुटबॉल खेलना अगर कला है तो उनसे बड़ा कलाकार दुनिया में शायद कोई दूसरा नहीं हुआ । तीन विश्व कप खिताब, 784 मान्य गोल और दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों के लिये प्रेरणा का स्रोत बने पेले उपलब्धियों की एक महान गाथा छोड़कर विदा हुए । यूं तो उन्होंने 1200 से अधिक गोल दागे थे लेकिन फीफा ने 784 को ही मान्यता दी है । खेल जगत के पहले वैश्विक सुपरस्टार में से एक पेले की लोकप्रियता भौगोलिक सीमाओं में नहीं बंधी थी ।

PunjabKesari
कई बार भारत आ चुके हैं पेले

एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो यानी पेले का जन्म 1940 में हुआ । वह फुटबॉल की लोकप्रियता को चरम पर ले जाकर उसका बड़ा बाजार तैयार करने वाले पुरोधाओं में से रहे । उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1977 में जब वह कोलकाता आये तो मानों पूरा शहर थम गया था । वह 2015 और 2018 में भी भारत आये थे । सत्रह बरस के पेले ने हालांकि 1958 में अपने पहले ही विश्व कप में ब्राजील की छवि बदलकर रख दी । स्वीडन में खेले गए टूर्नामेंट में उन्होंने चार मैचों में छह गोल किये जिनमें से दो फाइनल में किये थे । ब्राजील को उन्होंने मेजबान पर 5 . 2 से जीत दिलाई और कामयाबी के लंबे चलने वाले सिलसिले का सूत्रपात किया । फीफा द्वारा महानतम खिलाड़ियों में शुमार किये गए पेले राजनेताओं के भी पसंदीदा रहे । 

PunjabKesari
भारत में  80000 दर्शकों ने देखा था पेले का मैच

उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1960 के दशक में नाइजीरिया के गृहयुद्ध के दौरान 48 घंटे के लिये विरोधी गुटों के बीच युद्धविराम हो गया ताकि वे लागोस में पेले का एक मैच देख सकें । वह कोस्मोस के एशिया दौरे पर 1977 में मोहन बागान के बुलावे पर कोलकाता भी आये । उन्होंने ईडन गार्डंस पर करीब आधा घंटा फुटबॉल खेला जिसे देखने के लिये 80000 दर्शक मौजूद थे । उस मैच के बाद मोहन बागान की मानो किस्मत बदल गई और टीम जीत की राह पर लौट आई । उसके बाद वह 2018 में आखिरी बार कोलकाता आये और उनके लिये दीवानगी का आलम वही था । 

PunjabKesari
उनके खेल के दीवाने थे लोग

पेले के 80वें जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा था -‘‘ आपने कभी ओलंपिक नहीं खेला लेकिन आप ओलंपिक खिलाड़ी हैं क्योंकि पूरे कैरियर में ओलंपिक के मूल्यों को आपने आत्मसात किया ।'' फुटबॉल जगत में यह बहस बरसों से चल रही है कि पेले , माराडोना और अब लियोनेल मेस्सी में से महानतम कौन है । डिएगो माराडोना ने दो साल पहले दुनिया को अलविदा कहा और मेस्सी ने दो सप्ताह पहले ही विश्व कप जीतने का अपना सपना पूरा किया । पेले जैसे खिलाड़ी मरते नहीं , अमर हो जाते हैं । उनके खेल की छाप कभी मिटती नहीं । अलविदा किंग । 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News

static