बच्चों में अस्थमा के लगातार बढ़ते मामले, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

punjabkesari.in Friday, Mar 22, 2019 - 10:17 AM (IST)

अस्थमा का इलाज : अस्थमा या दमा फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। पिछले कुछ सालों में प्रदूषण और मोटापे के कारण अस्थमा के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। आजकल छोटे बच्चों और युवाओं में भी यह बीमारी देखी जा रही हैं। हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक विटामिन डी का सेवन करने से अस्थमा से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि अस्थमा से बच्चों को कैसे बचाया जा सकता है और इसमें विटामिन डी कितना कारगर है।

 

बच्चों में अस्थमा की समस्या 

वैसे तो अस्थमा बड़ों को हो या बच्चों को, खतरनाक ही होता है। मगर बच्चों को अस्थमा होने पर कुछ अलग परेशानियों का सामना करना पड़ता है। छोटी उम्र में अस्थमा होने के कारण बच्चे स्कूल में खेलकूद में भाग नहीं ले पाते हैं और नींद में परेशानी के कारण उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। इसके अलावा कई बार बच्चों को अस्थमा का अटैक भी पड़ता है, जो जानलेवा हो सकता है। हालांकि सही इलाज के द्वारा दमा को कंट्रोल किया जा सकता है।

 

रिसर्च में हुआ खुलासा

बच्चों में अस्थमा के सबसे ज्यादा मामले उन शहरों के बच्चों में देखने को मिल रहे हैं, जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। इस शोध में स्कूल जाने वाले 120 बच्चों पर शोध किया गया और 3 बातों की जांच की गई। घर के अंदर प्रदूषण का स्तर, बच्चों के खून में विटामिन डी की मात्रा और अस्थमा के लक्षण। इसके अलावा शोध में 40 से ज्यादा बच्चे मोटापे का शिकार भी थे। रिसर्च में पाया गया है कि जिन बच्चों के खून में विटामिन डी का लेवल ज्यादा था, उनमें अस्थमा के लक्षण बेहद कम पाए गए।

 

पहले भी हो चुकी है पुष्टि

इस रिसर्च से पहले लंदन स्थित क्‍वीन मैरी यूनिवर्सिटी में भी अस्थमा पर विटामिन डी के प्रभाव पर शोध किया गया था। उस रिसर्च को करने वाले प्रोफेसर का कहना है कि विटामिन डी की टेबलेट्स के सेवन से ज्‍यादातर वयस्‍कों में अस्‍थमा बहुत हल्‍के रूप में पाए गए। यह परिणाम तीन बार की गई एनालिसिस में पाया गया।

 

बच्चों में अस्थमा के लक्षण (Symptoms of Asthma)

खांसी

बहुत ज्‍यादा खांसी का होना और रात में इस खांसी का और बदतर हो जाना बच्‍चों में अस्‍थमा का सामान्‍य लक्षण है। दिन में बच्‍चों की खांसी खेलने के दौरान और रात को हंसते समय लगातार बिगड़ सकती है। क्रोनिक खांसी और खांसी संस्करण अस्थमा का एकमात्र लक्षण है।

 

घरघराहट

बच्‍चों में अस्‍थमा के लक्षणों में अन्‍य लक्षण है सांस लेते समय या छोड़ते समय सीटी या घर-घराहट की ध्‍वनि का आना। यह लक्षण आसानी से देखा जा सकता है और साफ तौर पर अस्‍थमा का संकेत है। 

 

सांस लेने में कठिनाई

अस्‍थमा में सांस लेने में कठिनाई होती है और इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। सांस उखड़ना या बच्‍चों में तेजी से सांस लेने की तकलीफ अस्‍थमा के लक्षण हो सकते हैं। अस्‍थमा से पीड़ित कोई भी बच्‍चा अक्‍सर सांस की हानि के साथ तेजी से सांस लेता हुआ दिख सकता है।

 

सहनशक्ति की कमी

अगर कोई बच्‍चा अपने साथियों के साथ खेलते समय मुश्किल महसूस करता है और उसकी सांस बहुत ही जल्‍दी उखड़ जाती है तो अस्थमा से बच्चे की सहनशक्ति कमजोर हो रही है। बच्‍चों में एनर्जी की कमी या बहुत जल्दी थक जाना अस्थमा का एक आम लक्षण है।


सीने में जकड़न

अस्‍थमा होने पर बच्‍चा सीने में जकड़न या चोट जैसी शिकायतें महसूस करता है। हर बच्चे में दिखने वाले लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और किसी भी बच्‍चे में इन लक्षणों में से एक या अधिक दिखाई दे सकते है। जैसे ही अपने बच्‍चों में इन लक्षणों को नोटिस करें तुरन्‍त अपने चिकित्सक से संपर्क करें।

 

बच्चों में अस्थमा का उपचार (Asthma Treatment)

अगर बच्चे में अस्थमा के लक्षण दिखें तो जल्दी से जल्दी इलाज शुरू कर दें ताकि समस्या बड़ी ना हो सकें।

उन्हें नियमित दवाएं लेने में मदद करें।

नियमित रूप से डॉक्टर के पास ले जाएं।

उन्हें केवल निर्धारित दवाएं ही दें।

इनहेलर हमेशा साथ रखें और सार्वजनिक रूप से इसका इस्तेमाल करने में शर्म महसूस न करने के लिए प्रोत्साहित करें।

यदि बच्चे को कोई अन्य बीमारी परेशान कर रही हो तो डॉक्टर को सूचित करें।

तनाव कम करने और खुश रहने में बच्चे की मदद करें।


Content Writer

Anjali Rajput