शकुंतला का रोल निभाएंगी विद्या बालन, जिन्हें लोग कहते हैं Maths की जादूगरनी
punjabkesari.in Thursday, May 09, 2019 - 05:32 PM (IST)
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन मैथ्स जीनियस शकुंतला देवी पर बनने जा रही फिल्म में लीड रोल निभाएंगी। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दी। विद्या बालन इस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड हैं। चलिए हम आपको इस पैकेज में बताते हैं कि कौन है शकुंतला देवी?
BIG DAY 🌞! Excited to play the role of Math Genius, #ShakuntalaDevi. @vikramix @anumenon1805 and I are thrilled to bring to life the true story of 'the human computer' - a small-town Indian girl, who took the world by storm! @Abundantia_Ent
— vidya balan (@vidya_balan) May 8, 2019
In theatres - Summer 2020 pic.twitter.com/LSCipkhwir
शकुंतला देवी को कहा जाता था ह्यूमन कम्प्यूटर
शकुंतला देवी को ह्यूमन कम्प्यूटर कहा जाता है क्योंकि उनका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता था। वह मैथ्स के सवाल का जवाब चुटकियों में दे देती थी। उनका जन्म 4 नवंबर, 1929 को बेंगलुरु में कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्कस में काम करते थे और वहां करतब दिखाते थे। जब शकुंतला 3 साल की थीं तब वो पिता के साथ ताश खेल रही थीं। इस दौरान पिता ने शकुंतला का टैलेंट पहचान लिया। बाद में उनके पिता उन्हें छोटे-छोटे शो में लेकर जाने लगे।
पहली बार मैथ क्विज में लिया हिस्सा
शकुंतला ने मैसूर यूनिवर्सिटी में मैथ क्विज में हिस्सा लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे उनके बारे में लोग जानने लगे थे और उनकी पॉपुलेरिटी बढ़ गई। विदेश में भी शकुंतला के टैलेंट के चर्चे होने लगे।
एक जवाब ने शकुंतला को बनाया ह्यूमन कम्प्यूटर
1977 में अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने उन्हें बुलाया और एक सवाल दिया जिसका जवाब उन्होंने 1 मिनट के पहले दे दिया वो भी बिना कॉपी पेन का इस्तेमाल किए। इसी तरह वह कई यूनिवर्सिटीज गई और उन्होंने हर सवाल का जवाब सेकेंड्स में दिया। शकुंतला के इसी टैलेंट को देखकर उनका नाम ह्यूमन कम्प्यूटर पड़ा। उन्हें मैथ्स का जादूगर भी कहा जाता था।
समलैंगिकता पर भी लिखी किताब
मैथ्स में जीनियस होने के साथ-साथ उन्होंने कई किताबें भी लिखी। शकुंतला ने समलैंगिकता पर पहली किताब ‘वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्शुअल लिखी थी। शकुंतला देवी को फिलिपींस यूनिवर्सिटी ने ‘वुमन ऑफ द इयर’ सम्मान दिया। उनका नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी दर्ज किया गया। शकुंतला देवी को किडनी की बिमारी थी। बेंगलुरु में 21 अप्रैल, 2013 को उनका निधन हो गया।