मोटी रस्सी जैसी नीली नसें Ignore ना करें, Blockage की शुरुआत इसलिए सिर्फ ये 2 काम करते रहें

punjabkesari.in Monday, Oct 18, 2021 - 10:56 AM (IST)

आपने कुछ लोगों के टांगों और जांघों के आस-पास नीली रंग की नसें देखी होगी जिसे आमतौर नजरअंदाज कर दिया जाता है  लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है और ये नसें दर्द भी दे सकती हैं। चलिए इसके कारण और उपचार आपको बताते हैं। इन नीली गुच्छे बनी नसों को वेरिकोज वेन्स कहते हैं। अगर सम्सया को अनदेखा किया जाए तो नसें ब्लॉक भी हो सकती हैं।

क्यों होती है नसों में ब्लॉकेज?

दरअसल, नसों के जरिए ही रक्त को दिल तक पहुंचता है। इस प्रवाह को ऊपर ले जाने के लिए नसों के अंदर वॉल्व होते हैं। जब ये वॉल्व कमजोर हो जाते हैं तो रक्त सही तरीके से ऊपर की ओर चढ़ नहीं पाता और कभी-कभी नीचे की ओर बहने लगता है। ऐसी स्थिति में नसें फूल जाती हैं और लंबाई बढ़ जाने से टेढ़ी-मेढ़ी भी हो जाती हैं। यही वैरिकोज वेन्स हैं। वैरिकोज वेन्स की स्थिति में पैरों में दर्द, भारीपन आने लगता है जो बेहद खतरनाक अल्सर भी बन सकते हैं।

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पैरों पर क्यों होता है ज्यादा असर?

विशेषज्ञ के अनुसार, वैसे तो कोई भी नस वैरिकोज वेन्स हो सकती है लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर टांगों और पंजों में होता है जिसकी वजह खड़े होने या घूमने से नसों में दबाव बढ़ता है जिससे टांग सूजने लगती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टरी जांच जरूरी होती है क्योंकि यह खून का थक्का भी हो सकता है जो नसों को ब्लॉक कर देता है। 

इन लोगों को ज्यादा खतरा

वेरिकोज की समस्या बढ़ती उम्र के लोगों, मोटापे के चलते, एक ही पोजिशन में बैठे रहने वाले लोगों को, 
जन्म के समय कोई प्रॉब्लम होने पर हो सकती है। पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को इसका जोखिम ज्यादा होता है। ऐसा प्रेग्नेंसी के समय पर भी हो सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना या मेनोपॉज से हार्मोनल बदलना भी इसका कारण हो सकते हैं।

वेरिकोज वेन्स के लक्षण

लक्षणों की बात करें तो जांघ, पैर या काफ मसल्स में ऐंठन आती हैं, अकड़न या दर्द होता है, टखनों में हल्की सूजन, लंबे समय के लिए बैठे या खड़े होने पर दर्द होने लगता है। नसों के आसपास खुजली होने लगती है।

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इलाज क्या है?

अगर आपको ऐसा कोई लक्षण दिखाई देता है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। नसों की जांच करवाएं और सबसे जरूरी अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान दें। वजन को कंट्रोल में रखें। सैर जरूर करें। फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है इसलिए योग या एक्सरसाइज करें। क्योंकि अगर समस्या बढ़ जाए तो नौबत सर्जरी तक की आ सकती हैं।

-आहार में विटामिन-ए वाले आहार जैसे गाजर, शलजम खाएं। ज़्यादा फाइबर युक्त फूड खाएं। लहसुन जरूर खाएं ये नसों की सफाई करती हैं। विटामिन-बी और सी युक्त आहार जैसे फल, दालें, लस्सी, नींबू, संतरा खाएं। 
-पानी ज्यादा पीएं। नमक-चीनी का कम सेवन करें। आइसक्रीम, तले हुए, जंक-फूड्स ना खाएं। एल्कोहल का सेवन ना करें।

देसी टोटके
एप्पल साइडर

एप्पल साइडर विनेगर वैरिकोज वेन्स के लिए एक अद्भुत उपचार है। यह नैचुरल तरीके से शरीर की सफाई कर देती है जिससे भारीपन और सूजन काफी हद तक कम हो जाती है। एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पीएं। एक महीना लगातार दिन में दो बार सेवन करने से परिणाम अच्छा मिलता है।

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लाल शिमला मिर्च

लाल शिमला मिर्च को वैरिकोज वेन्स के इलाज के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। यह सूजी हुई नसों के दर्द को कम करती है।

जैतून तेल

जैतून के तेल की मालिश से ब्लड का सर्कुलेशन भी सही होगा और  इससे दर्द और सूजन भी कम होगी। जैतून के तेल और विटामिन-ई तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर उसे थोड़ा-सा गर्म कर लें। इस गर्म तेल से नसों की मालिश कई मिनट तक एक से दो महीने के लिए करें।  

अखरोट

अखरोट रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने के लिए बहुत ही प्रभावी जड़ी-बूटी है। अखरोट के तेल में एक साफ कपड़े को डूबाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाये। ऐसा एक या दो महीने के लिए दिन में दो से तीन बार करें।

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अगर नसें नीली और मोटी रस्सी की तरह उभरी दिखें तो ये देसी नुस्खे जरूर अपनाएं इससे आपको जल्द आराम भी मिलेगा लेकिन अनदेखी करने की गलती ना करें।


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Content Writer

Vandana

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