Vastu Tips: सोई हुई किस्मत जगा देती है घर की दीवारें!

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 11:23 AM (IST)

घर की दीवारों का वास्तु के साथ गहरा संबंध होता है। अगर ये सही न हो तो घर पर वास्तुदोष पैदा होता है। इससे शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही व्यक्ति को आर्थिक तौर पर भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। तो चलिए आज हम आपको घर की दीवारों से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स बताते हैं। 

सही दिशा में हो दीवारें

वास्तु के अनुसार घर की दीवारें सही दिशा में होनी चाहिए। इससे घर पर साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में घर की  बाहरी चारदीवारी मेन गेट की ऊंचाई से 3/4 ज्यादा होनी चाहिए। बात अगर पश्चिम और दक्षिण दिशाओं की दीवारों की करें तो उनकी ऊंचाई उत्तर और पूर्व में स्थित दिशाओं की दीवारों के मुताबिक में कम से कम 30 से. मी. ज्यादा होनी चाहिए। इसके साथ ही ये दीवारें मोटी भी होनी चाहिए। ऐसा करने से घर पर आने वाली पॉजीटिव एनर्जी बरकरार रहेगी। साथ ही दक्षिण-पश्चिम दिशा से आने वाली नैगेटिव एनर्जी घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगी। 

इस तरीके से लगाएं फेंस

घर के चारों ओर फेंस लगाने के लिए हमेशा लड़की औ लोहे को चुनें। इसके साथ ही सीधा लगवाने की जगह आड़ी लगाएं। इससे घर में मौजूद नाकारात्मक ऊर्जा बार निकलती है। इसे हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में ही लगाएं। साथ ही घर के उत्तर-पूर्व कोण को ईंटों से चारदीवारी तैयार करवा सकते है। इससे घर में खुशहाली आने के साथ परिवार के सदस्यों में एकता बनी रहती है। अगर ईंट से बनी चारदीवारी के उत्तर या फिर पूर्वी भाग की तरफ सड़क पड़ती हो तो इस जगह पर जाली-झरोका न बनवाएं। असल में जमीन अगर नैचुरली दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व की तरफ है तो ऐसे में उत्तर-पूर्व दिशा में झरोका बनवाना ज्यादा जरूरी नहीं होता है। 

सही होनी चाहिए दीवारें

वास्तु के अनुसार घर की दीवारों पर दरारें पड़ना और पेंट उखड़ना घर के सदस्यों की सेहत पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इससे जोडो़ं और कर में दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही घर का वातावरण नेगेटिविटी से भरा रहता है। इससे घर में लड़ाई-झगड़ों वालों माहौल बना रहता है। 

दीवारों के रंग का भी रखें ध्यान

घर की दीवारों का रंग भी परिवार के सदस्यों की सेहत पर अपना गहरा असर डालते है। दीवारों पर गहरा नीला और काला रंग करवाने से हाथों व पैरों में दर्द होने की शिकायत हो सकती है। गहरा पीला और नारंगी रंग हाई ब्लड प्रेशर और भड़कीला लाल रंग  कोई दुर्घटना होने का कार बनता है। इसके अलावा डार्क ग्रीन कलर की दीवार होने से अस्थमा और मानसिक तौर से परेशानी हो सकती है। ऐसे में घर- परिवार की खुशहाली और सेहत के लिे हमेशा घर की दीवारों पर हल्के रंग का प्रयोग करें। 

दीवारें रखें साफ

घर के कमरों के साथ दीवारों को भी अच्छे से साफ करें। इस पर जमा धूल- मिट्टी, जाले लगे होने से घर पर नेगेटिविटी लाने का काम करती है। ऐसे में घर का माहौल तनाव और उदासी भरा रहता हैं। दीवारों पर थूकने और दाग-धब्बे लगने से आर्थिक स्थिति कमजोर होने का कारण बनती है। इसलिए समय-समय पर घर की अच्छे से सफाई करते रहें। 

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neetu