Vastu Tips: घर की सीढ़ियों में छिपा है बिजनेस की तरक्की का राज

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2019 - 03:00 PM (IST)

 

धूप का मजा लेना हो या हवाओं से खुद को तरोताजा करना हो, घर की छत पर तो आप जाते ही होंगे। इसके लिए घर में सीढ़ी बनी होगी लेकिन क्या आपके घर की सीढ़ी सिर्फ इन्हीं कामों के लिए है। वास्तु विज्ञान के अनुसार घर की सीढ़ियों से तरक्की की ऊंचाई पर भी पहुंचा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि घर की सीढ़ी वास्तु के नियमों के अनुसार बनी हो। सीढ़ी में वास्तु दोष होने पर तरक्की की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए आपको बताते हैं कि आप किस तरह से इस दोष से बच सकते हैं।

 

सीढ़ियों का पत्‍थर ऐसा ना हो

घर बनवाते समय एक बात का ध्‍यान रखें कि सीढ़ियों में भूलकर भी ऐसा पत्‍थर न लगवाएं जो फिसलता हो। ऐसा होना दुर्घटना की आशंका के साथ ही दोषपूर्ण भी माना जाता है।


इस दिशा में ना बनाए सीढ़ियां 

सीढ़ियों के लिए सही दिशा दक्षिण या फिर दक्षिण-पश्चिम मानी जाती है। भूलकर भी सीढ़ियां उत्‍तर-पूर्व दिशा में ना बनाएं। इस दिशा में बनी सीढ़ियां धननाश, व्‍यापार में हानि और कर्ज का कारण बन सकती है। इससे आपकी संतान पर भी दुष्‍प्रभाव पड़ सकता है।

 

सीढ़ियों की संख्‍या हो इतनी 

सीढ़ियां हमेशा विषम संख्‍या में ही बनवानी चाहिए। माना जाता है कि विषम संख्‍या में बनवाई गई सीढ़ियां घर के सदस्‍यों को तरक्‍की के नए मुकाम तक लेकर जाती हैं।

 

वास्‍तुदोष की वजह

अगर आपके घर में सीढ़ियों के किनारे टूट गए हैं तो यह वास्‍तुदोष की श्रेणी में आता है। ऐसा होने पर तुरंत ही मरम्‍मत करवाना जरूरी है। ऐसा न करने पर व्‍यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्‍याएं खड़ी हो सकती हैं।

 

सीढ़ियां ना बनाएं ऐसी

अक्‍सर आजकल लोग घरों में जरूरत से ज्‍यादा घुमावदार सीढ़ियां बनवाते हैं। सीढ़ियों में 1 या 2 घुमाव हो तो ठीक हैं, इससे अधिक होने पर दोषपूर्ण मानी जाती हैं।

सीढ़ियों के नीचे न हो ऐसा 

सीढ़ियों के नीचे गलती से भी पूजाघर, रसोई या फिर बाथरूम न बनवाएं। ऐसा होने से घर के सदस्‍य रोगी बन जाते हैं। सीढ़ियों के नीचे केवल आप स्‍टोर बनवा सकते हैं।

 

इस स्‍थान पर न हो सीढ़ियां 

सीढ़ियां कभी भी घर के बीचोंबीच में या फिर केंद्र स्‍थान में नहीं बनवानी चाहिए। ऐसी सीढ़ियां घर के सदस्‍यों की तरक्‍की में बाधा डालती हैं। याद रखें सीढ़ियां सदैव घर के बाहर की तरफ हों या फिर घर के अंदर भी हों तो किनारे हों, न कि बीच में।

Content Writer

Anjali Rajput