बच्चों को अधिक देर तक डायपर पहनाने से हो सकता है यूटीआइ

punjabkesari.in Tuesday, Dec 26, 2017 - 05:21 PM (IST)

आजकल पेरेंट्स बच्चों को घर में या बाहर ले जाते समय उन्हें डायपर पहना देते है, ताकि उन्हें बार-बार चेंज न करना पड़ें। पेरेंट्स कई-कई घंटों तक बच्चों को डायपर पहना कर रखते है, जिससे बच्चे उसी में पेशाब और पॉटी करते रहते है। 4-5 घंटे तक बच्चे का डायपर न बदलने पर उनकी स्किन पर रैशेज जैसी समस्यां को आप छोटी समझ कर इग्नोर कर देते है लेकिन इसके कारण बच्चों को यूटीआइ की प्रॉब्लम हो सकती है। डायपर बदलते समय भी स्किन पर मल-मूत्र के कुछ अंश रह जाने के कारण बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो फंगल इंफेक्शन की समस्या पैदा कर सकते है। बच्चों की स्किन सेंसिटिव होने के कारण उन्हें इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
 

क्या हैं कारण
डिस्पोजेबल डायपर को छोटे-छोटे ग्रैन्यूल जैसे हानिकारक केमिकल से बनाया जाता है। डायपर की आउटर लेयर रिफाइंड प्लास्टिक पॉलिथीलीन की बनी होती है, जो ग्रैन्यूल द्वारा एब्जार्ब किए गए यूरिन को बाहर नहीं निकलने देती। इस लेयर के कारण स्किन के पास हवा नहीं पहुंचती और यह बच्चे की स्किन को नुकसान पहुंचाती है।

डायपर से होनी वाली समस्याएं
कई पेरेंट्स बच्चों को 4-5 घंटे से भी ज्यादा डायपर पहनाते है जिसके कारण वो कंफर्टेबल महसूस नहीं करते हैं। डायपर के कारण यूटीआइ, जांघ पर रैशेज, टांगों में दर्द, गंदे डायपर से इंफेक्शन, चिड़चिड़ापन, यूरिन पास करतेे समय दर्द या जलन और स्किन में सूजन जैसी परेशानियां हो जाती है।

इस तरह करें उपचार
डायपर से होने वाले यूटीआइ को दूर करने के एंटी-रैशेज क्रीम और काॅर्न स्टार्च युक्त एंटी-फंगल टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें। इस पाउडर को डायपर पहनाने से पहले स्किन पर लगा दें। इससे त्वचा ड्राइ और सॉफ्ट रहती है। आप डॉक्टर की सलाह से इसके लिए बच्चों को एंटीबॉयोटिक मेडिसिन भी दे सकती है।

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