इंग्लैंड में यूपी की महिला का जलवा, हुईं रॉयल अवॉर्ड से सम्मानित
punjabkesari.in Saturday, May 25, 2024 - 12:40 PM (IST)
नारी डेस्क: इस वक्त जहां सब का ध्यान बस फ्रांस में चल रहे कान्स फिल्म फेस्टिवल में वॉक करती बॉलीवुड हसनीओं पर ही है, वहीं यूपी की ई- रिक्शा ड्राइवर आरती ने भी देश का नाम रोशन किया। उन्हें हाल ही में लंदन में सम्मानित किया गया। उन्हें खास यूके रॉयल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। बता दें, 22 मई को इस लंदन में आयोजित किया गया था, जिसमें आरती को प्रिंस ट्रस्ट की ओर से अमल क्लूनी महिला सशक्तीकरण अवार्ड से नवाजा गया था। आइए आपको बताते हैं आखिर कौन हैं आरती जिन्हें ये सम्मान मिला है.....
कौन हैं आरती
आरती यूपी के बहराईच जिले के एक गांव की पिंक- ई- रिक्शा चालक हैं। वो सिर्फ 8 साल की है और उनकी एक 5 साल की बेटी भी है। आरती ने लंदन में महिला सश्क्तिकरण के लिए एक प्रतिष्ठित अवॉर्ड यूके का रॉयल अवॉर्ड जीता है। इसके बाद इस सप्ताह बकिंघम पैलेस में किंग charles III से मिली।
आरती ने बांधे किंग चार्ल्स के तारीफों के पुल
75 साल के किंग के साथ अपनी मुलाकात के बाद, आरती ने लंदन में प्रिंस ट्रस्ट अवॉर्ड्स में अमल क्लूनी महिला सशक्तिकरण पुरस्कार स्वीकार किया, जो प्रसिद्ध मानवाधिकार वकील के नाम पर है। आरती के अनुसार किंग से मिलने एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है, जो बहुत अच्छे थे और उन्होंने मेरे घर वापस आने पर मेरे परिवार को नमस्ते कहा। यहां पर आरती ने ये भी कहा कि जब उन्होंने किंग को बताया कि उन्हें ई- रिक्शा चलाने में कितना मजा आता है तो प्रदूषण फैलाने वाले डीजल या पेट्रोल पर नहीं चलता है, तो उन्होंने ध्यान से उनकी बातें सुनी।
आरती करना चाहती हैं लड़कियों को प्रेरित
अवॉर्ड लेने के बाद आरती ने कहा कि मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं ऐसी ही चुनौतियों का सामना करने वाली अन्य लड़कियों को प्रेरित करने में सक्षम हूं। बता दें, प्रिंस ट्रस्ट सशक्तिकरण पुरस्कार उन महिलाओं के वैश्विक प्रयासों का सम्मान करता है जिन्होंने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाया।
2023 को आरती जुड़ी थी पिंक ई- रिक्शा कार्यक्रम से
आरती को प्रिंस ट्रस्ट इंटरनेशल और आगा खान फाउंडेशन के सहयोग से प्रोजेक्ट लहर द्वारा भारत सरकार के पिंक ई- रिक्शा कार्यक्रम के बारे में जुलाई 2023 को अवगत करवाया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कमजोर महिलाओं विशेष रूप से आरती जैसी विधवाओं और एकल माताओं को काम ढूंढने में मदद करना है और उनके लिए सुरक्षित परिवहन को ज्यादा सुलभ बनाना है।