दुनिया की रहस्यमय पेटिंग मोनालिसा से जुड़े 7 राज

punjabkesari.in Friday, Aug 02, 2019 - 10:53 AM (IST)

दुनिया में कितनी भी मशहूर व अच्छी पेंटिंग बनी हो, लेकिन मोना लिसा पेटिंग के आगे टिक नही पाती है। म्यूजिम में कई पेंटिंग्स क्यों होती, पर सभी की नजर इसी पर होती है। मोनालिसा न केवल एक पेंटिंग है बल्कि अपने आप में एक रहस्य है जिसका पता आज तक कोई नही लगा पाया है। इस रहस्य को जानने के लिए काफी पेंटर्स व लोगों ने इस पर काम किया है लेकिन इस सच का पता नही लगा पाए है। 500 साल पहले पेंटर 'लिओनार्दो डा विन्ची' ने इसे बनाया था। इस पेटिंग की मुस्कान को लेकर कई तरह के रहस्य सामने आए है। कहा जाता है कि इस चेहरे की मुस्कान हर कोने से अलग ही एंगल में दिखाई देती है। पहले यह काफी ज्यादा दिखाई देती है, धीरे धीरे यह फीके पड़ने लगती है, आखिर  में तो यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है। मोना लिसा का मतलब माई लेडी होता है। इस पेटिंग के साथ कई तरह के ओर भी रहस्य जुड़े हुए है जिन्हें हम आज आपको बताने जा रहे है। 


मोना लिसा के लिए दी थी अपनी जान

 23 जून 1852 को फ्रेंस के एक आर्टिस्ट luc maspero ने पेरिस के होटल की छत से कूद कर अपनी जान दे दी। वह मोनी लिसी की रहस्यमय मुस्कान व सुंदरता के लिए पागल था। उसने अपने  सूसाइड नोट  में लिखा था कि वह मोनालिसा के प्यार में पागल है। उसने कई सालो तक उसका इंतजार किया है। इतना ही नही म्यूजियम में इस पेटिंग को  कई लव लेटर, फ्लावर भी मिलते है। मोना के प्यार में पागल लोग इसके आगे अपने लव लेटर छोड़ कर जाते है।  

रहस्यमय मुस्कान 

माना जाता है कि इस पेटिंग के लिए जिस महिला को चित्रित किया गया है, उसके अंदर कई तरह के राज छुपे हुए थे। इसलिए यह पेटिंग भी इतनी रहस्यमय है। शायद यहीं कारण है कि आज तक इस पेटिंग की मुस्कान भी एक रहस्य है। रिसर्च के दौरान एक डॉक्टर ने कहा था कि मोना लिसा के ऊपरी दो दांत टूटे हुए थे, जिस कारण उनके ऊपरी होंठ अंदर को दबे हुए है। यह कारण है कि हर एंगल से उनकी स्माइल अलग दिखती है। वहीं हार्वेड के न्यूरो साइंटिस्ट डॉ. मार्गेट ने कहा कि मोना की स्माइल नही बदलती है, यह हमारी दिमाग की सोच है। हम जो देखना चाहते है हमें वही दिखाई दिया जाता है। 

14 साल में बनी थी पेटिंग

 लिओनार्दो डा विन्ची को इस पेटिंग को बनाने में 14 साल लग गए थे। उन्होंने 1503 में इसे बनाना शुरु किया था, 1517 में इसे पूरा किया। इस पेटिंग में इनके होंठ बनाने में ही 12 साल ही लग गए थे। इस पेटिंग को बनाने के लिए 30 से भी ज्यादा लेयर्स का इस्तेमाल किया गया था। इसमें से कुछ इंसानी बाल से भी बारीक थी।  पेटिंग देखने में बड़ी लगती है लेकिन काफी छोटी है। यह 30 * 21 इंच की है। इसका भार 8 किलोग्राम है। इसे पेपर व केन्वस पर नही पॉपुलर की लकड़ पर ऑयल पेंट के साथ बनाया गया था।  

चोरी के बाद प्रसिद्ध हुई पेटिंग 

यह पेटिंग पहले इतनी प्रसिद्ध नही थी, लेकिन रिस लुब म्यूजियम पेरिस से चोरी होने के बाद यह काफी फेमस हो गई थी। 21 अगस्त 1911 को इतने बड़े म्यूजियम से पेटिंग का चोरी हो जाना बहुत ही बड़ी बात थी। इसके चोरी होने के बाद पहला शक पेंटर पाब्लो पिकासो पर लगा था। उनसे काफी पूछताछ के बाद यह इलजाम उन पर से हटा दिया गया था। इसकी चोरी के बाद एक हफ्ते तक म्यूजियम को बंद कर दिया गया था, कि पेंटिंग शायद म्यूजियम में ही अंदर कही होगी। काफी खोच के बाद पता लगा कि इसे म्यूजियम के ही एक कर्मचारी  वर्कर विन्सेन्जो पेरुगिया ( vincenzo peruggia ) ने चोरी किया था। वह इस पेंटिंग को वापिस इटली लेकर जाना चाहते थे। उनका मानना था कि यह इटली की धरोहर है। इटली में कुछ समय रखने के बाद इसे वापिस म्यूजियम में रख दिया गया था। वहीं विन्सेनजो को इसके लिए 6 महीने की सजा दी गई थी, लेकिन इटली के लोगों ने उनकी देश भक्ति के लिए उनका स्वागत किया था। 

मोना लिसा की जुड़वा पेटिंग्स भी है 

कहा जाता है लिओनार्दो डा विन्ची के ही एक स्टूडेंट फ्रेंसिस्को मेल्जी ने इसकी जुड़वा पेटिंग बनाई थी। जो कि स्पेन की राजधानी मैड्रिड के म्यूसेओ दे प्रादों में रखी गई है। 1514 - 1516 के बीच उनके ही एक स्टूडेंट ने मोना लिसा का एक न्यूड वर्जन भी बनाया था। जिसकी हाथों व बॉडी की पॉजीशन असली पेटिंग की तरह ही है। इसे मोन्ना वान्ना कहा जाता है। कहा जाता है कि शायद यह पेटिंग भी लियो ने ही बनाई थी। 

कौन है यह महिला 

लिओनार्दो डा विन्ची पेंटर होने के साथ खुद एक लेखक भी थे, लेकिन उन्होंने कभी भी इस पेटिंग के बारे में कुछ नही लिखा। न ही कभी बताया है कि  यह महिला कौन है, जिसकी यह पेटिंग बनाई गई है। स्कॉलर्स का मानना है कि यह पेटिंग लिस घेरार्दिनी ( Lisa gherardini ) की है जो कि फ्लोरंस की इटालियन की महिला है। वहीं कुछ लोगो का कहना है कि इस पेटिंग में उन्होंने खुद को एक औरत के रुप में बनाया था। 

लोगों ने पहुंचाया था काफी नुकसान 

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मोना लिसा की पेटिंग को 6 बार अपनी जगह से बदला  गया है। ताकि यह जर्मन लोगों के हाथ न लग जाए। इस बाद पेटिंग को लोगों ने काफी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। एक बार 1956 में एक टूरिस्ट ने इस पर पत्थर फेंका था, जिससे इसकी बाएं बाजू पर निशान पड़ गया था। उसके बाद इसी ठीक कर दिया गया। इतना ही नही एक व्यक्ति ने इस पर एसिड फेंक दिया था। उसके बाद इसे बुलेट फ्रूफ फ्रेम में रखा गया। उसके बाद भी एक महिला ने इस पर लाल स्प्रे छिड़क दिया था। 

 

Content Writer

khushboo aggarwal