स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर से जुड़े अनोखे Facts

punjabkesari.in Sunday, May 31, 2020 - 05:31 PM (IST)

दिल्ली में घूमने और देखने के लिए काफी खूबसूरत जगह हैं। लेकिन वहां के स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का अपना एक अलग महत्व है। ये भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का उद्धघाटन 6 नवंबर 2005 को हुआ था। इस मंदिर में आपको 10,000 साल पुरानी भारतीय सभ्यता की झलक देखने को मिलेगी। आज हम आपको स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के बारे में कुछ अनोखे फैक्ट्स बताएंगे।

ये मंदिर 1000 सालों तक खड़ा रहेगा

अक्षरधाम मंदिर का पूरा कॉम्प्लेक्स 83,342 स्क्वेयर फिट एरिया को कवर करता है। इस मंदिर का आर्किटेक्चर निर्माण इस तरह से किया गया है कि ये 1000 साल से ज्यादा तक ऐसे ही खड़ा रह सकता है। 

क्या है 10 दरवाज़ों का महत्व

इस मंदिर में 10 दरवाजों को वैदिक साहित्य की 10 दिशाओं के आधार पर बनाया गया है। जो इस बात को दर्शाते हैं कि अच्छाई किसी भी तरफ से आ सकती है।

मंदिर में 20,000 से ज्यादा मूर्तियां

अक्षरधाम मंदिर में 200 से ज्यादा भारतीय गुरुओं, साधुओं, आचार्य और देवताओं की पत्थर की मूर्तियां हैं। इसमें 234 रत्न जड़े खंबे हैं और 9 रत्न जड़े गुम्बद। अगर पूरे मंदिर की मूर्तियों को मिलाया जाए तो करीब 20,000 से ज्यादा अलग-अलग धातुओं, लड़की और पत्थर से बनी मूर्तियां हैं।

सबसे बड़ा यज्ञ कुंड

अक्षरधाम मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा एक यज्ञपुरुष कुंड है। इस यज्ञ कुंड तक 108 छोटे-छोटे मंदिरों और 2870 सीढ़ियां चढ़ने के बाद पहुंच सकते हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने 17 दिसंबर 2007 को इस मंदिर को सबसे विशाल हिंदू मंदिर घोषित किया था।

अक्षरधाम मंदिर का लोटस गार्डन

अक्षरधाम मंदिर में एक कमल के आकार का खूबसूरत गार्डन भी बनाया गया है। जिसका नाम लोटस गार्डन है। इस गार्डन के पत्थरों पर स्वामि विवेकानंद और हिंदू धर्म गुरुओं के वचन, शेक्सपियर और मार्टिन लूथर के कोट्स भी दिए गए हैं।

मंदिर के अंदर थिएटर

अक्षरधाम मंदिर के अंदर एक थिएटर भी है। जिसमें स्वामीनारायण भगवान के बारे में जानकारी दी जाती है। 

नारायण सरोवर

अक्षरधाम मंदिर के आसपास नारायण सरोवर है। जिसमें भारत के प्रसिद्ध 151 तालाबों का पानी मिला हुआ है। इसके अलावा तालाब के आसपास 108 गायों के सिर बनाए गए हैं जो हिंदू धर्म के 108 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजस्थान से लाए गए लाल पत्थरों से 3000 फिट लंबा परिक्रमा का पथ बनाया गया है।

Content Writer

Bhawna sharma