पांच महीने की मासूम बदल रही 'पत्‍थर' में, जानिए क्या है यह दुर्लभ बीमारी और लक्षण

punjabkesari.in Saturday, Jul 03, 2021 - 05:55 PM (IST)

पांच महीने की एक बच्‍ची अपनी अत्‍यंत दुर्लभ बीमारी की वजह इन दिनों सोशल मीडिया की खबरों में है। दरअसल, ब्रिटेन की पांच महीने की बच्‍ची अत्‍यंत दुर्लभ बीमारी की वजह से पत्‍थर में बदल रही है। इस जीन से संबंधित घातक बीमारी को Fibrodysplasia Ossificans Progressiva कहा जाता है। इस बीमारी में इंसान का शरीर पत्‍थर में बदलने लगता है। 

वहीं, अब बच्‍ची के परिवार वालों ने  दुनियाभर के अभिभावकों को संभावित लक्षणों को लेकर चेतावनी दी है।

20 लाख में से किसी एक को होती है यह दुर्लभ बीमारी-
बच्‍ची का नाम लेक्‍सी रोबिन्‍स है। यह दुर्लभ बीमारी 20 लाख में से किसी एक को होती है। लेक्‍सी का जन्‍म गत 31 जनवरी को हुआ था। उनके पैरंट्स अलेक्‍स और दवे ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर इलाके के रहने वाले हैं। उन्‍होंने पाया कि बच्‍ची के हाथ के अंगूठों में कोई हरकत नहीं है। वहीं उसके पैर के अंगूठे काफी बड़े जो सामान्‍य बात नहीं है। बच्‍ची की इस जानलेवा बीमारी का पता लगाने में डॉक्‍टरों को काफी समय लग गया।

 

दुर्लभ बीमारी के लक्षण- 
इस घातक बीमारी के लक्षण भी बेहद दुर्लभहै। इसमें मांसपेशियां और जोड़ने वाले ऊतक हड्डी में बदल जाते हैं। इस बीमारी में हड्ड‍ियों का जन्‍म कंकाल के बाहर होने लगता है। इसे अक्‍सर शरीर का पत्‍थर में बदलना कहा जाता है। इस बीमारी से पीड़‍ित लोग 20 साल की उम्र तक बेड पर पहुंच जाते हैं और उनका जीवन काल सिर्फब 40 साल का होता है।

एक्‍सरे में दिखे यह लक्षण-
 लेक्‍सी का अप्रैल महीने में एक्‍सरे हुआ था। इसमें पता चला कि उसके पैर में गोखरू है और उसके हाथ के अंगूठे दोबार जुडे़ हैं।

जेनेटिक टेस्‍ट से पता चली बीमारी-
लेक्‍सी की मां एलेक्‍स का कहना है कि एक्‍सरे के बाद शुरू में हमें बताया गया कि उसे एक सिंड्रोम है और वह चल नहीं पाएगी। हमें इस पर भरोसा नहीं हुआ क्‍योंकि वह उस समय शारीरिक रूप से बहुत मजबूत थी। वह अपना लात हिला रही थी। हमें पूरी तरह से भरोसा नहीं था तो हमने मई में रिसर्च किया। हमने पाया कि उसे यह बीमारी है। हम उसे विशेषज्ञ के पास ले गए। हमने उसका अमेरिका में जेनेटिक टेस्‍ट कराया। इसमें उसके बीमारी का पता चला।

बच्‍ची को नहीं लग सकता कोई इंजेक्‍शन-
 इस बच्‍ची को अब न तो कोई इंजेक्‍शन लग सकता है और न ही टीका। वह बच्‍चे को भी जन्‍म नहीं दे सकेगी। वहीं अब वैज्ञानिक इस बच्‍ची की जान बचाने में जुटे हुए हैं। 
 

Content Writer

Anu Malhotra