वो गालियां बरसाते रहे हम डटकर खड़े रहे ... इजराइल में भारत की दो ''सुपरवीमेन'' ने हमास के आतंकियों को चटाई धूल
punjabkesari.in Wednesday, Oct 18, 2023 - 04:39 PM (IST)
इजराइल में हमास के हमले के दौरान एक बुजुर्ग दंपत्ति की देखभाल करने वाली केरल की दो महिलाओं ने सात अक्टूबर को असाधारण साहस एवं पराक्रम का परिचय देते हुए उनके जीवन की रक्षा की। भारत में इजराइली दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में केरल की दो महिलाओं सविता और मीरा मोहनन को भारत की असाधारण पराक्रमी महिलाएं (इंडियन सुपरवुमैन) बताते हुए उनका सम्मान किया। दूतावास ने सविता का वायरल वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि हमास समूह के सात अक्टूबर को अचानक हमला करने के बाद क्या हुआ था।
भारतीय वीरांगनाएं ! 🇮🇳🇮🇱
— Israel in India (@IsraelinIndia) October 17, 2023
मूलतः केरला की रहने वाली सबिता जी, जो अभी इजराइल में सेवारत हैं, बता रही हैं कि कैसे इन्होने और मीरा मोहन जी ने मिलकर इसरायली नागरिकों कि जान बचाई। हमास आतंकवादी हमले के दौरान इन वीरांगनाओं ने सेफ हाउस के दरवाजे को खुलने ही नहीं दिया क्योंकि आतंकवादी… pic.twitter.com/3vu9ba4q0d
सविता ने अपने वीडियो संदेश में उस दर्दनाक घटना का स्पष्ट रूप से वर्णन किया जब उसने और मोहनन ने बहादुरी से अपनी एवं उस बुजुर्ग दंपति की रक्षा की जिनकी वे देखभाल कर रहे थे। संदेश में बताया कि घर के अंदर सुरक्षा कक्ष के दरवाजे की कुंडी को उन्होंने कसकर पकड़ लिया था। गोलियों की बौछार के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और साहसपूर्वक हमलावरों को अंदर घुसने से रोके रखा। सविता ने बताया कि जिस दंपति की देखभाल वे कर रही थी उसमें से महिला तंत्रिका तंत्र संबंधी एएलएस बीमारी से पीड़ित है।
महिला ने बताया कि करीब सुबह साढ़े छह बजे सायरन की आवाज सुनाई दी जिसके बाद वे सुरक्षा कक्ष में चले गए। इसके बाद दंपति की बेटी का फोन आया जिसमें उसने बताया कि इलाके में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और घर के सभी दरवाजे बंद कर लो। इजराइल में तीन वर्ष से काम कर रही सविता ने कहा-''कुछ देर बाद घर में आतंकवादियों के घुसने की आवाज आई। इस दौरान गोलीबारी और कांच के टूटने की आवाजें आ रही थीं।'' उसने कहा- ''हमने दोबारा उनकी बेटी को फोन किया और पूछा कि क्या करें। उसने हमें सुरक्षा कक्ष के दरवाजे के हैंडल को पकड़े रहने के लिए कहा।''
सविता ने आगे बताया कि- हम दोनों ने करीब साढ़े चार घंटे तक हैंडल को पकड़े रखा जबकि हमलावर दरवाजे खोलने की मांग के साथ गोली बरसा रहे थे। उन्होंने कहा- ''आतंकवादी हमारे घर में सुबह साढ़े सात बजे घुसे थे। उन्होंने घर में सबकुछ बर्बाद कर दिया। हमें नहीं पता घर में क्या चल रहा था। करीब एक बजे हमें और गोलियों के चलने की आवाज सुनाई दी। बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि इजराइली सुरक्षा (आईडीएफ) हमें बचाने के लिए आ गये हैं।'' उन्होंने कहा कि आईडीएफ के आने के बाद वे सभी बाहर गए और देखा कि घर के अंदर का सामान नष्ट और लूट लिया गया था। उनके पास कुछ नहीं है यहां तक की मीरा का पासपोर्ट भी लूट लिया गया। सविता ने कहा कि उन दोनों में से किसी ने भी इस तरह का मंजर पहले नहीं देखा था।