महिला जज के 1 फैसले ने दी 2 परिवारों को खुशी, बच्ची को मिली नई पहचान

punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2019 - 03:01 PM (IST)

कहते है कि बच्चों से कभी भी उनकी जात या धर्म नही पूछना चाहिए क्योंकि बच्चे भगवान का दिया हुआ सबसे बड़ा तोहफा हैं। इसी तरह जब भी किसी बच्चे को गोद लें तो कभी भी उनका धर्म न पूछ कर इंसानियत के तौर पर उन्हें अपनाना चाहिए। इसी इंसानियत को दिखाते हुए गुजरात के जिले आणद के जिला विकास अधिकारी अमित व उनकी पत्नी चित्रा ने एक बच्ची को बिना कोई सवाल जवाब किए गोद लिया हैं। चित्रा जो कि एक जज उन्होंनें कोर्ट रुम में कई तरह के फैसले लिए होगें लेकिन असल जिदंगी में उनके व उनके पति की ओर से लिए गए इस निर्णय ने दो परिवारों के साथ एक बच्ची की जिदंगी को बदल दिया हैं। 

क्यों व किस तरह लिया गोद 

जिले के अधिकारी अमित प्रकाश यादव जब वहां के अस्पताल दौरे पर थे तो उस समय एक महिला ने एक बेटी जन्म दिया। जन्म के कुछ समय बाद ही महिला की मौत हो गई। जिसके उसका पति व पूरा परिवार काफी निराश था, वहीं पिता दो बेटियों के बाद  तीसरे बेटी होने से काफी परेशान था।उस पिता को अपनी नवजात बच्ची के पालन पोषण की काफी चिंता सता रही थी, जिसे जन्म के बाद मां का दूध भी नही मिला था। इस कारण बच्ची की हालत भी काफी बिगड़ रही थी।  तब अमित ने उस व्यक्ति को परेशानी में देख कर अपनी पत्नी चित्रा को फोन करके पूरा मामला बताया, तब दोनों ने मिलकर उस बच्ची को गोद लेने का फैसला लिया। 

बच्ची का नाम रखा माही 

बच्ची को जब गोद लेने की बात कही गई तो उसके पिता को भी इस बात पर किसी तरह की कोई समस्या नही थी। उसके बाद उस बच्ची का नाम माही रखा गया, क्योंकि उसका जन्म मही नदी के पास पड़ते अस्पताल में हुआ था। इतना ही नहीं वह बच्ची जन्म के बाद 14 घंटे तक भूखी थी ऐसी में अमित की पत्नी व जज चित्रा ने बच्ची को अपना दूध पिला कर उसे गोद में लिया। 

एक कदम से दो परिवार हुए खुशी 

अमित व चित्रा के इस कदम से दो परिवार खुश हो गए है। अमिता का पूरा परिवार माही के गोद लेने के फैसले से काफी खुश है। इससे पहले उनका डेढ़ साल का एक बेटा भी है। वहीं दूसरा परिवार भी बेटी को गोद देने पर खुश हैं। अमित व चित्रा का कहना है कि माही को गोद लेने से उनका परिवार पूरा हो गया हैं। 

 

Content Writer

khushboo aggarwal