तुलसी विवाह करवाने से खुलते हैं शादी के संयोग, जानिए कुछ और मान्यताएं

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 02:55 PM (IST)

शुक्रवार यानि आज देवउठान एकादशी है। इस दिन तुलसी विवाह करवाने की परंपरा है। आज तुलसी के पौधे का श्रृंगार दुल्हन की तरह किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।

तुलसी विवाह का मुहूर्त

तुलसी विवाह के यानी की द्वादशी तिथि का प्रारंभ 8 नवंबर (शुक्रवार) से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से और 9 नवबंर को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

इस तरह करें तुलसी का विवाह

सबसे पहले तुलसी विवाह के लिए पौधे को खुली जगह पर रखें। विवाह के लिए मंडप सजाएं। फिर तुलसी जी को लाल चुनरी ओढाएं। आप चाहें तो तुलसी के पौधे को साड़ी पहनाकर भी तैयार कर सकते हैं। साथ ही पूरे श्रृंगार की चीजें उन्हें अर्पित करें। तुलसी जी को भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम के बाई तरफ बैठाएं। शालिग्राम पर तिल चढ़ाएं। अब शालिग्राम और तुलसी जी को दूध और हल्दी चढ़ाएं। इस दौरान तुलसी माता को नारियल भी आर्पित करें। अब भगवान शालिग्राम का सिंहासन हाथ में लेकर तुलसी के पौधे के चारों तरफ सात फेरे लें। आखिर में दोनों की आरती उतारें और विवाह संपन्न करें।

तुलसी विवाह करवाने से कई तरह के पुण्य प्राप्त होते हैं। चलिए आपको बताते हैं इसी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

ऐसी मान्यता है कि जो भी तुलसी का विवाह करवाता है उसे बेटी के जितना कन्यादान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।

.कुंवारे लड़के-लड़कियों को तुलसी विवाह और दिया जलाने से उनके विवाह के संयोग जल्दी खुलते है।

.सुहागन महिलाओं के पति की उम्र लंबी होती हैं।

.तुलसी विवाह करवाने वालों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है

.यह एक हज़ार अश्वमेघ यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर फल देता है।

.इससे मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

.तुलसी पर दिया जलाने व विवाह पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं।

. घर में नैगेटिव एनर्जी वास नहीं रहता। 

Content Writer

Harpreet