टमाटर से करें जोड़ों के दर्द का इलाज, इन 6 बीमारियों का भी काल

punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 05:05 PM (IST)

गलत खान-पान, शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने व हड्डियों  से जुड़ी दिक्कतों के चलते लोग गठिया रोग (आर्थराइटिस) के शिकार हो जाते हैं। भारत में जोडों के दर्द से परेशान मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके कारण मरीज को ना सिर्फ असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है बल्कि इस बीमारी के कारण मरीज का चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। ये जोड़ों के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित करता है।

अगर आप भी गठिया की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसे दूर करने में टमाटर आपकी मदद कर सकता है। जी हां, आज हम आपको टमाटर की

क्यों होता है गठिया?

यह रोग यूरिक एसिड के बढ़ने से होती है, जिससे छोटे-छोटे क्रिस्टल शरीर के जोड़ों में जमा होने शुरु हो जाते हैं जो बाद में गठिए का रुप ले लेते हैं। इसके कारण जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन आ जाती है। इसके अलावा जोड़ों में गांठे पड़ जाती हैं, जो रोगी को बहुत दर्द पहुंचाती हैं। गठिया अगर बढ़ जाए तो इससे रोगी को चलने-फिरने में भी परेशानी होने लगती है।

फायदेमंद है टमाटर

टमाटर का इस्तेमाल सब्जी, सूप या सलाद बनाने के लिए किया जाता है लेकिन आप इससे गठिया दर्द को भी दूर भगा सकते हैं। आयुर्वेद में इसे बीमारियों का काल माना गया है। टमाटर विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम पाया जाता है, जो शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है।

कैसे करें इस्तेमाल?

अगर आप भी गठिया की समस्या से जूझ रहे हैं तो टमाटर को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही टमाटर के जूस में अजवायन मिलाकर रोजाना पीने से भी गठिया दर्द में आराम मिलता है।

अन्य फायदे

-रोजाना सुबह खाली पेट टमाटर का 1 गिलास जूस पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है।
-अगर पेट में कीड़े हो जाएं तो सुबह खाली पेट टमाटर में काली मिर्च मिलाकर खाने से फायदा होता है।
-टमाटर में पाए जाने वाले पोषक तत्‍व जैसे अल्‍फा-लिपोइक एसिड, लिकोपीन, फॉलिक एसिड और बीटा-केरोटीन  प्रोस्‍टेट कैंसर से बचाव करते हैं।
-पोटेशियम से भरपूर टमाटर का सेवन दिल के रोगों से भी बचाव करता है।
-टमाटर के गूदे में कच्चा दूध व नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है।
-इसके नियमित सेवन से डायबिटीज, आंखों व पेशाब संबंधी रोग, पुरानी कब्ज व चमड़ी के रोगों में फायदा होता है।

Content Writer

Anjali Rajput