प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस फ्री रहने के लिए करें भ्रामरी प्राणायाम - Nari

punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2020 - 10:09 AM (IST)

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को बहुत-सी हैल्थ प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। इस दौरान जहां कुछ महिलाओं को इस दौरान मॉर्निंग सिकनेस, हाई बीपी, कब्ज, खून की कमी, चक्कर आना और नींद ना आना जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती है। वही कुछ महिलाएं तनाव का शिकार हो जाती है। बच्चे को हैल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है कि आप प्रेग्नेंसी पीरियड में स्ट्रैस फ्री रहें। ऐसे में आज हम आपको भ्रामरी प्राणायाम के बारे में बताएंगे। यह न सिर्फ आपको तनावमुक्त रखेगा बल्कि इससे बाकी परेशानी भी दूर हो जाएगी।

 

-भ्रामरी प्राणायाम करने का समय
गर्भवती महिलाओं यह प्राणायाम सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय में कर सकती हैं। इस बात का ख्याल रखें कि आप जहां भी यह प्राणायाम करें वहां का वातावरण शांत हो।

-भ्रामरी प्राणायाम का तरीका
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप समतल जमीन पर बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर कानों तक ले आए। इसके बाद अंगूठे से दोनों कानों को बंद कर दें। अब दोनों हाथो की तर्जनी उंगली को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर रखें। फिर मुंह बंद करके नाक से सांस लें। सांस को अंदर-बाहर छोड़ते हुए ओउम का उच्चारण करें। 15-20 सेकंड सांस अंदर-बाहर करने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाए। प्रैग्नेंट महिलाओं को यह आसान 4-5 बार करना चाहिए।

-भ्रामरी प्राणायाम के फायदे
1. भ्रामरी प्राणायाम से तनाव, गुस्सा और अवसाद दूर होता है। इसके अलावा इसके नियमित अभ्यास से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं।


2. अगर आपको हाइपरटेंशन की शिकायत है तो प्राणायाम आपके लिए फायदेमंद है।
 

3. गर्भवती महिलाओं को रोज भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए। इससे डिलीवरी के समय परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।


4. इसे करने से सिरदर्द की शिकायत भी दूर होती है।


5. जिन गर्भवती महिलाओं को माइग्रेन या बीपी की समस्या हो उन्हें यह आसन जरूर करना चाहिए।

 

6. बदलते मौसम में नाक बंद होना, सिरदर्द, नाक से पानी गिरना जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम सबसे बेहतर उपाय है।
 

7. भ्रामरी प्राणायाम के रोजाना अभ्यास से गर्भवती महिलाओं की सोच सकारात्मक बनती है।

Content Writer

Anjali Rajput