मेनोपॉज के बाद यूं रखें अपना ख्याल, नहीं होगी दिल की बीमारियां

punjabkesari.in Monday, Dec 14, 2020 - 05:08 PM (IST)

उम्र के एक पड़ाव पर आकर पीरियड्स बंद होने लगते है जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। जहां मेनोपॉज की स्थिति महिलाओं के लिए बहुत-सी परेशानियां लेकर आता है। वहीं, इसके बाद कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस दौरान सबसे ज्यादा खतरा दिल की बीमारियों का होता है। हालांकि कुछ सावधानियां और आदतों में बदलाव करके दिल की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

क्यों होता है दिल को खतरा?

मेनोपॉज के कारण नर्वस सिस्टम और दिल पर असर पड़ता है। इसके बाद महिलाओं में धमनी रोगों यानी कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस दौरान धमनियों में ब्लॉकेज की समस्या बढ़ जाती है। ऐसा दिल की संकेत में इलेक्ट्रीकल उपद्रव यानि अर्थाथिमिआस के कारण होता है। इसे रोकने और दिल का अच्छा ख्याल रखने के लिए, महिलाओं को नियमित जांच करानी चाहिए।

मेनोपॉज में करवाएं ये टेस्ट

मेनोपॉज के बाद दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाने वाले कई कारण होते हैं। इसलिए हर महिला को नियमित रूप से ये टेस्ट करवाने चाहिए-
. ब्लड प्रैशर
. ब्लड शुगर
. थायराइड
. हीमोग्लोबिन
. ट्राइग्लिसराइड
. बी.एम.आई
. लिपिड प्रोफाइल

विटामिन्स और मिनरल्स भी जरूरी

मेनोपॉज के बाद दिल की बीमारियों से बचने के लिए अपनी डाइट में विटामिन्स और मिनरल्स युक्त पर्दाथों को शामिल करें। मेनोपॉज में होने वाली हॉट फ्लेशज की समस्या से बचने के लिए विटामिन ए, सी, मैग्नीशियाम आदि का सेवन करना चाहिए। मेनोपॉज के बाद अपनी डाइट का ख्याल रखने से आप हार्ट के साथ ओस्टियोपोरोसिस से भी बची रहेंगी। इसके अलावा अपनी खुराक में कैल्शियम की भरपूर मात्रा लें। इससे आपको मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्‍याओं से निजात मिलेगी।

हड्डियों पर पड़ता है असर

दिल के साथ-साथ मेनोपॉज का असर हड्डियों पर भी पड़ता है। एस्ट्रोजन हार्मोन के कम होने के कारण बोन मास कम हो जाता है, जिसके के कारण घुटने में दर्द और जोड़ों में दर्द की समस्या रहने लगती है। कैल्शियम की ज्यादा कमी की वजह से रीढ़ की हड्डी कमजोर होने लगती है और मरीज आगे की तरफ झुकना शुरू कर देते हैं।

खान-पान में रहें सचेत

दिन में पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीएं। इससे पेट में होने वाली समस्‍याएं दूर होगी और दिल के रोगों का खतरा भी काफी हद तक कम होगा। इसके अलावा अपने खान-पान में ताजे फल, जूस और मौसमी हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें। सीमित मात्रा में वसा का सेवन करें। इसके अलावा बाहर का खाना और तले हुआ भोजन से दूरी बनाकर रखें।

वजन रखें कंट्रोल

कई बार ऐसा होता है कि हार्मोनल चेंज की वजह से कुछ महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। ऐसे में आपको अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहिए क्योंकि वजन जितना बढ़ता है उतना ही वह दिल के लिए खराब होता है। मगर इसके लिए अपनी डाइट में कटौती करनी सही नहीं है। हमेशा उचित डाइट लें और उसमें फलों, सब्जियों और स्प्राउट्स को भी शामिल करें।

एक्‍सरसाइज है जरूरी

दिल को स्वस्थ रखने के लिए मेनोपॉज के बाद नियमित रूप से व्यायाम, एक्सरसाइज या योग करें। दिन में कम से कम 30 मिनट तक तेजी से चलें। वहीं, अगर आप हफ्ते में कम से कम 5 दिन खेल-कूद के गतिविधियों में हिस्सा लेंगी तो दिल के रोगों का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। व्यायाम करने से न सिर्फ दिल हैल्दी रहता है बल्कि इससे वजन भी नहीं बढ़ता। इसके अलावा इससे ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रोल स्तर को कंट्रोल और तनाव के स्तर को कम करने में भी मदद मिलती है।

Content Writer

Anjali Rajput