होंठो का बदलता रंग है लिवर की बीमारी का संकेत, न करें लक्षण इग्नोर - Nari

punjabkesari.in Sunday, Sep 30, 2018 - 07:04 PM (IST)

परिवार का ख्याल और जिम्मेदारियां निभाते हुए औरतें अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। कई हैल्थ प्रॉब्लम्स ऐसी होती हैं जिनके लक्षणों की अनदेखी करने से धीरे-धीरे परेशानियां बढ़नी शुरू हो जाती हैं। यही लापरवाही आगे चलकर बड़ी बीमारियों का कारण बनती है। इसके बचने के लिए अपनी सेहत की तरफ खुद ध्यान देना बहुत जरूरी है। कुछ जरूरी हेल्थ टिप्स अपना कर आप काफी हद तक सेहत के प्रति जागरूक रह सकती हैं। 

 

1. होंठों का बदलता रंग
होठों की रंगत बदल रही है तो यह लीवर से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकती है। इसे इंग्नोर न करके डॉक्टरी जांच करवाएं। 

2. ब्रेस्ट पर रैशेज
ब्रेस्ट पर रैशेज हो गए हैं तो देरी किए बिना इस पर बेबी पाउडर लगा लें। दिन में 3 से 4 बार इसका इस्तेमाल करने से रैशेज ठीक होने लगते हैं। इस पर तुलसी के पत्तों का रस लगाने से बहुत आराम मिलता है।

3. फंगल इंफैक्शन 
बार-बार फंगल इंफैक्शन हो रही है तो अपनी डाइट पर ध्यान दें। खाने में मीठा कम कर दें। इससे जल्दी आराम मिलना शुरू हो जाएगा। 

 

4. खुद करते रहे स्तनों की जांच
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को इग्नोर करने की गलती न करें। समय-समय पर स्तनों की खुद जांच करती रहें। किसी तरह का रिसाव या फिर गांठ महसूस हो तो तुरंत जांच करवाएं। 

 

5. सीमा में रहकर करें व्यायाम
एक्सरसाइज हेल्दी लाइफस्टाइल का हिस्सा है लेकिन जरूरत से ज्यादा व्यायाम परेशानी पैदा करता है। सीमित समय से ज्यादा वर्कआउट न करें। 

 

6. बैलेंस फूड खाएं
रोजाना एक तरह का खाना न खाएं। इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। बैलेंस डाइट लेने से सेहत फिट रहेगी। 

7. ओवरी मसाज जरूरी
खुद नहाते समय 1 मिनट के लिए ओवरी मसाज करें। ओवरी गर्भाशय के सामने पेल्विक हड्डियों से जुडी होती हैं। हल्के हाथों से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। 

 

8. नमकीन बढ़ाएगा मोटापा
अपने खान-पान का पूरा ध्यान रखें, मोटापे से बचने के लिए छोटी-छोटी आदतें बदलें। चाय के साथ नमकीन या बिस्कुट मोटापा का कारण बनता है।

 

9. न करें रेजर का इस्तेमाल
हाथों और पैरों के बाल हटाने के लिए रेजर का इस्तेमाल न करें। इससे स्किन इंफैक्शन होने का डर रहता है। 

 

10. पीरियड्स ब्लड पर दें ध्यान
पीरियड्स ब्लड के रंग की भी समय-समय पर जांच करती रहें। हरा या पीला रंग हो तो बिना देरी डॉक्टर से इस बारे में बात करें। 

 

Content Writer

Priya verma