La Nina के कारण इस साल पड़ेगी खूब सर्दी, ठंड से बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल

punjabkesari.in Saturday, Dec 04, 2021 - 12:57 PM (IST)

भारत को कड़ाके की ठंड के लिए तैयारी कर लेनी चाहिए क्योंकि  भारत मौसम विज्ञान विभाग  ने दिसंबर से फरवरी तक उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य या सामान्य से अधिक रहने का अनुमान लगाया है। विभाग की मानें तो ला नीना की वजह से इस बार ठंड कुछ सालों की तुलना मे ज्यादा तीखी होने वाली है। 


शीतलहर का अलर्ट जारी 

आईएमडी की मानें तो दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों और हिमालय की तराई से लगते कुछ इलाकों में ठंड ठिठुरन पैदा करने वाली होगी। यह अनुमान सुदूर प्रशांत महासागर में हुए मौसम के बदलावों की वजह से लगाया जा रहा है। मौसम विभाग पहले ही  पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीतलहर का अलर्ट जारी कर चुका है। 


क्या है ला नीना

ला नीना एक स्पेनिश वर्ड है, जिसका मतलब होता है छोटी बच्ची।  यह पश्चिमी प्रशांत महासागर में पेरू के समुद्र तट के समीप प्रतिवर्ष क्रिसमस के आस-पास उत्पन्न होती है जिसका असर पूरे विश्व के मौसमों पर पड़ता है। इस प्रक्रिया के दूसरे हिस्से को अल नीनो कहते हैं (स्पेनिश भाषा में छोटा बच्चा) जिसका ला नीना के मुकाबले बिलकुल उलटा असर होता है। अल-नीनो के मजबूत होने से भारतीय मानसून कमजोर पड़ जाता है और भारत में कम वर्ष होती है जिससे सूखा की स्थिति उत्पन्न होती है।

इस तरह करें ला नीना से खुद का बचाव


-जितना संभव हो घर के अंदर ही रहें। 
-आवश्यक कार्य होने पर ही बाहर निकलें।
-गर्म कपड़े पहन कर रहें। 
-वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखे।
-आवश्यकता अनुसार गर्म पानी पीते रहें। 
-शीतलहर से बचाव के लिए गरम टोपी और मफलर पहनें।
-सुबह उठने के बाद थोड़ा व्यायाम अवश्य करें। 
-सर्दियों में अलसी के बीज और तेल का भी इस्तेमाल करें


कश्मीर में कड़ाके की ठंड शुरु

वहीं कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरु हो गई है और घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है। घाटी में सर्दियां बेहद ठंड के मौसम की शुरुआत से काफी पहले ही शुरू हो जाती हैं जो आमतौर पर दिसंबर के तीसरे सप्ताह के आसपास शुरू होती हैं। कश्मीर में कड़ाके की सर्दी की 40 दिनों की अवधि ‘चिल्लई कलां’ हर साल 21 दिसंबर से शुरू होती है।
 

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vasudha