मर्द के पेशे को मैना ने बनाया अपना रोजगार, अपने दम पर पाली 3 बेटियां

punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2019 - 04:14 PM (IST)

अक्सर कहा जाता है कि भारी भरकम काम महिलाओं के बस में नहीं होते है, क्योंकि वह अधिक भार नहीं उठा सकती है। लेकिन समाज की इन्हीं बातों को गलत साबित करती हुई कुछ महिलाएं समाज मर्दों के बराबर काम करती हैं। इन्हीं महिलाओं में से मध्य प्रदेश के जिले मंदसौर के गांव नयाखेड़ा की रहने वाली 52 वर्षीय मैना है। नयाखेड़ा मंदसौर  गांव से 8 किलोमीटर की दूरी पर हैं। धूप, ठंड, बारिश के मौसम में मैना मंदसौर बाईपास हाईवे से निकलने वाले भारी भरकम वाहन जैसे कि कार, जीप, जेसीबी मशीन, ट्रकों के टायरों को रिपेयर करती हैं, उनकें टायरों को निकाल, उठा कर ले जाती है, फिर उसके बाद उन्हें ठीक करके वाहनों में लगाती हैं। 

 

अपनी बेटियों व खुद को पालने के लिए शुरु किया काम

मैना जब छोटी थी तो उसके पिता टायर रिपेयरिंग का काम करके घर का पालन पोषण करते थे। उस समय मैना उनके काम में हाथ बंटाया करती थी। शादी के बाद जब उसकी दो बेटियों के बाद तीसरी बेटी जब पेट में थी तब उसके पति की मृत्यु हो गई, उससे एक साल पहले ही उसके पिता की भी मृत्यु हुई थी। पति की मौत के बाद बेटियों को पालने की सारी जिम्मेवारी मैना पर आ गई, इसलिए वह अपने मायके मां के पास आ गई।वहां पर वह अपनी बेटियों के साथ अपने छोटे भाई बहन की भी देखभाल करती। इसके साथ ही उसने साइकिल व बाइक के टायर रिपेयर करने शुरु कर दिए।

अपनी झोपड़ी के पास ही शुरु किया काम

कुछ समय बाद मायके में थोड़ी खटपट होने के बाद हाईवे के किनारे पर मैना झोपड़ी बना कर रहने लग गई। वहीं पर आस पास उसने अपना काम शुरु कर दिया, धीरे धीरे साइकिल बाइक्स के साथ साथ ट्रक, जेबीसी, कार के टायर भी रिपेयर करने लगीं। कुछ साल पहले ही मैना को प्रधानमंत्री अावास योजना के तहत घर मिला है। यह घर उसकी झोपड़ी के पास ही हैं। 

मैना को काम करता देख जलते है मर्द

पिछले 20-25 साल से रिपेयरिंग का काम करते हुए मैना यहीं संदेश देती है कि आदमी हो या औरत भगवान ने सबको दो हाथ दिए है इसलिए हर कोई काम कर खा सकता हैं। इसके लिए हौसला होने के साथ साथ उन्हें मेहनत करनी होगी। मैना जब मर्दो वाले काम करती है तो मर्द उसे यह काम करता हुआ देख कर जलते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput