इस गांव में नहीं मनाया गया Dussehra! यहां के लोग मनाते हैं रावण की मृत्यु का शोक

punjabkesari.in Thursday, Oct 26, 2023 - 02:11 PM (IST)

देशभर में जहां दशहरे की धूम देखने को मिली और सच्चाई की बुराई पर जीत की खुशी मनाते हुए रावण के पुतले जलाए गए। लेकिन कुछ ऐसी भी जगहे हैं जहां पर रावण को बुरा नहीं मना जाता है, बल्कि उसकी पूजा की जाती है। ऐसी ही एक जगह है दिल्ली से कुछ दूरी पर यूपी के ग्रेटर नोएडा में। यहां एक गांव है, जिसका नाम बिसरख है। यहां के लोग दशहरे की धूम से दूर रहते हैं।  वो इस दिन रावण को नहीं जलाते हैं।  आपको ये जानकर हैरानी होगी की इस गांव में रावण की मृत्यु का शोक मनाया जाता है, क्योंकि वे उसे अपना, एक पुत्र और एक रक्षक मानते हैं। मान्यता है कि रावण का जन्म इसी गांव में हुआ था। 

गांव के लोग करते हैं रावण के लिए प्रार्थना

दशहरा पर इस गांव के लोग रावण की आत्मा को मोक्ष और मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलवाने के लिए प्रार्थना करते हैं। रावण के बारे में उनका अनोखा द्दष्टिकोण इस विश्वास से उपजा है कि वो भगवान शिव का एक प्रबल भक्त था और इस तरह बिसरख में उसे अपमानित करने के बजाय सम्मानित किया जाता है। 

रावण को मानते हैं बेटे जैसा

बिसरख क लोग रावण को अपवे पुत्र समान, भोलेनाथ का भक्त और लोगों का रक्षक मानते हैं। रावण पर बिसरख के रुख को और दिलचस्प बनाने वाली स्थानीय मान्यता ये है कि उसके पुतले को जलाने का प्रयास अतीत में गांव पर बहुत बड़ा दुर्भाग्य लेकर आया है। इस गांव के लोगों का मानना है कि रावण को जलाने से उन पर भोलेनाथ का क्रोध भड़केगा। इसलिए इस गांव के लोग ढोल की थाप पर मार्च करते हैं, रावण की मृत्यु पर शोक मनाते हैं और उसकी आत्मा की मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

Content Editor

Charanjeet Kaur