इस बार बैसाखी के मौके पर खुद को दें फुलकारी लुक

punjabkesari.in Wednesday, Apr 12, 2017 - 04:42 PM (IST)

लाइफस्टाइल : पंजाब का खास त्यौहार बैसाखी आने वाला है। इस पर लोग ट्रैडीशनल कपड़े पहनते हैं। जिसमें फुलकारी को बेहद खास माना जाता है। आप भी अगर बैसाखी के फंक्शन में जा रहे हैं तो आप भी फुलकारी में कुछ नया ट्राई करके अपने आप को अलग लुक दे सकते हैं। आजकल फुलकारी का ट्रैंड इतना बढ़ गया है कि आप इसमें दुपट्टे से लेकर पर्स,जूते,स्कार्फ,साड़ी,शेरवानी पर फुलकारी का काम भी देखेंगे। आइए आज हम आपको फुलकारी के बारे में ही बताते हैं। इंडियन फैशन में पटियाला सलवार सूट और फुलकारी एम्ब्रॉएडरी को बेहद खास जगह मिली हुई है।


फुलकारी की शुरूआत 
फुलकारी एक तरह की फूलों वाली कढ़ाई है जो कपड़ों पर की जाती है। इसको ये नाम भी फूल शब्द से ही मिला है। शुरू में इसे गुलकारी कहा जाता था। गुल का मतलब फूल होता है और कारी का मतलब काम। फुलकारी की शुरुआत 15वीं सदी में हीर-रांझा की प्रेम कहानी से मानी जाती है। पारंपरिक तौर पर इसे मोटे कॉटन फैब्रिक पर बनाया जाता था जिसे खद्दर कहते हैं। खद्दर के कपड़े पर खूबसूरत फ्लोरल पैटर्न भारी कढ़ाई करके जो बनाए जाते हैं, उसे ही फुलकारी कहा जाता है। 


कई प्रकार की कारीगरी में होती हैं फुलकारी...

1. बाघ
इस तरह की फुलकारी बहुत घनी होती है और फैब्रिक के बेस को फ्लोरल पैटर्न्स से कवर किया जाता है।
2. थिरमा
इस तरह की फुलकारी शुद्धता का प्रतीक होती है, इसके व्हाइट बेस फैब्रिक की वजह से. ये अकसर उम्रदराज औरतों और विधवाओं द्वारा भी पहनी जाती है।
3. दर्शन द्वार
इस तरह की फुलकारी गुरुद्वारों में चढ़ाई जाती है। इसमें सिर्फ फूलों के पैटर्न नहीं होते हैं बल्कि इन्सानों और जानवरों के भी पैटर्न होते हैं।
4. बावन फुलकारी 
बावन यानि की 52 तरह के अलग पैटर्न वाले किए गए काम को बावन फुलकारी कहते हैं।


कन्टेम्पररी फैशन में फुलकारी
इंडियन डिजाइनर्स समय-समय पर फुलकारी के साथ एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। आजकल नेट फैब्रिक पर भी खूबसूरत फुलकारी प्रिंटस का काफी ट्रेंड है। लड़के भी इस फैशन में कम नहीं हैं वो भी आजकल फुलकारी की जैकेट्स व्हाईट कुर्ते के साथ पार्टीज पर पहन रहें हैं।


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