रक्षाबंधन पर इस बार नहीं होगा भद्र ग्रह का प्रकोप, जानिए कुछ जरूरी बातें
punjabkesari.in Tuesday, Aug 13, 2019 - 04:15 PM (IST)
शास्त्रों के अनुसार भद्रा समय में श्रावणी और फाल्गुणी दोनों ही नक्षत्र एक साथ होने की वजह से इस दौरान किया गया कोई भी शुभ काम गलत माना जाता है। ज्यादातर यह ग्रह रक्षा बंधन वाले दिन प्रभावी रहता है। मगर इस बार का रक्षाबंधन पूरी तरह भद्र ग्रह से मुक्त रहने वाला है। इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर लगभग सभी शुभ ग्रहों का ही प्रभाव बना रहेगा।
रक्षाबंधन पर कौन से ग्रहों का रहेगा प्रभाव ?
विद्वानों का मानना है कि इस बार रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इस बार रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में होंगे। ये सभी शुभ संयोग मिलकर इस बार रक्षाबंधन को बेहद खास बना रहे हैं।
क्यों अशुभ होता है भद्रा ग्रह ?
दूसरी बात यह है कि शनि महाराज की बहन भद्रा को ब्रह्माजी ने सभी शुभ कार्यों के लिए वर्जित कर दिया है। इन्होंने भद्रा को वरदान दिया है कि जो भी शुभ काम भद्रा काल में होगा उसका अशुभ परिणाम होगा। भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी कड़क बताया गया है।
रक्षाबंधन मनाए इस तरह
रक्षा बंधन वाले दिन भाई-बहन दोनों प्रात: काल स्नान आदि के बाद नए साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर तैयार हो जाएं। अपने पितृों और घर के बड़ों का आर्शीवाद लेने के बाद बहने भाई को तिलक करते हुए, रोली, कुमकुम से टीका करें। टीका करने के बाद राखी बांधने की रस्म अदा की जाए। राखी हमेशा दाहिनी हाथ पर बांधी जाए तो शुभ मानी जाती है।आजकल ट्रेंड के हिसाब से बहने भाईयों के लिए अलग-अलग तरह की राखियां बाजार से खरीद लाती हैं। आप जैसी चाहें वैसी राखी बांधे मगर शुरुआत लाल धागे से ही करें।
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