मुंह की दुर्गंध से 10 मिनट में पता लगाए कैंसर है या नहीं!

punjabkesari.in Saturday, Jan 19, 2019 - 12:55 PM (IST)

कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसका समय पर पता ना लगाया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। गलत लाइफस्टाइल के चलते लोग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। वहीं ज्यादातर लोग इसकी सही जानकारी ना होने के कारण वह घातक स्टेज तक पहुंच जाते हैं। मगर हाल ही में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए है वैज्ञानिकों ने एक टेस्ट विकसित किया है, जिससे शुरुआत में ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

 

मुंह की दुर्गंध बताएगी कैंसर है या नहीं

वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रेथलाईजर टेस्ट से कैंसर का शुरूआत में ही पता लगाया जा सकता है, जिससे सही इलाज करके लोगों की जान भी बचाई जा सकती है। ब्रेथलाईजर टेस्ट का क्लिनीकल ट्रायल लॉन्च हो चुका है। हालांकि शोधकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इस टेस्ट से अलग-अलग तरह के कैंसर के बारे में कितनी जानकारी मिल सकती है। उन्होंने कहा इस टेस्ट का उद्देश्य सांस की दुर्गंध की मदद से अलग-अलग तरह के कैंसर का पता लगाना है।

1500 लोगों पर ट्रायल के बाद लॉन्च हुआ यह टेस्ट

कैंसर रिसर्च टीम ने 1500 लोगों पर इस टेस्ट का ट्रायल करने के बाद इसे लॉन्च किया है। माना जा रहा है कि ये टेस्ट  मौजूदा समय में होने वाले कैंसर टेस्ट की जगह ले सकता है। वहीं इस सस्ते टेस्ट को करवाने के बाद बायोसपी कराने की भी जरूरत नहीं होगी।

 

कैंसर के बारे में 10 मिनट में बताएगी यह डिवाइस

इस टेस्ट के ट्रायल के अनुसार, सभी मरीजों को इस डिवाइस मास्क में 10 मिनट तक सांस लेनी होती है, ताकि सांस में मौजूद मोलेक्युल्स डिवाइस में जमा सकें। इसके बाद लेबोरेटरी में इस डिवाइस की जांच की जाती है। इस टेस्ट के नतीजे दूसरे टेस्ट के मुकाबले कम समय में ही सामने आ जाते हैं।

कैसे काम करता है ब्रेथलाईजर टेस्ट?

दरअसल, जब शरीर की कोशिकाओं में बायोकेमिकल रिएक्शन होता है तो इनसे वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOCs) मोलेक्युल्स निकलते हैं। अगर किसी को कैंसर हो तो शरीर की कोशिकाएं अलग-अलग तरह के मोलेक्युल्स प्रोड्यूस करती हैं और मुंह से दुर्गंध आती है, जिससे इस बीमारी का पता चल जाता है।

 

कैंसर के कारण व लक्षण

अलग-अलग होते हैं कैंसर के लक्षण

हर व्यक्ति में कैंसर के लक्षण अलग-अलग होते हैं। कैंसर शरीर के किस हिस्से में है इसी के अनुसार लक्षण सामने आते हैं। इसमें शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं काफी तेजी से बढ़ने लगती हैं, जिससे शरीर के उस हिस्से के आस-पास मौजूद टिश्यू, अन्य कोशिकाएं और ऑर्गन डैमेज होने लगते हैं।

गलत लाइफस्टाइल है कैंसर का कारण

अन-हेल्दी डाइट, धूम्रपान और एक्सरसाइज न करने की वजह से कैंसर की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा आनुवांशिक के साथ-साथ किसी तरह की इंफेक्शन और खराब प्रतिरक्षा भी कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।

 

महिलाएं रहें सावधान

हेल्थ सर्विस के मुताबिक, जिन लोगों में कैंसर की अधिक संभावना होती है, उन लोगों के यूरिन का कलर डार्क पिंक, लाल और डार्क ब्राउन हो जाता है। पुरुषों में इस कलर के यूरिन का मतलब प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत हो सकती है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, 60 प्रतिशत महिलाओं में ब्रेस्ट, गर्भाश्य और ओवरी कैंसर का खतरा 30-50 साल की उम्र के बाद बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर महिलाओं में मासिक चक्र के बाद भी रक्त स्राव नहीं रुकता है तो उन्हें ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।

 

Content Writer

Anjali Rajput