गुजरत के इस रहस्यमयी बीच की रेत है काली, रात को आती हैं चीखने- चिल्लाने की आवाजें

punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 04:22 PM (IST)

गुजरात के सूरत के पास डुमस बीच है जिसकी गिनती भारत की सबसे डरावनी जगहों में होती है। इस बीच को शामशान घाट की तरह भी किया जाता है, कई हिन्दू यहां अंतिम संस्कार करने आते हैं। जिसकी वजह से कहा जाता है कि यहां आत्माओं का वास है। कई लोग इसी वजह से यहां पर शाम होने के बाद नहीं जाते हैं। ज्यादातर आपको ये बीच वीराना ही मिलेगा। स्थानीय लोग तो अकेले दोपहर के वक्त भी यहां जाने से डरते हैं। 

रात को इस बीच में जाने वाले नहीं आते हैं वापस

शाम को अंधेरा होने के बाद से ही बीच पर चीखने- चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं। चीख- पुकार की आवाज काफी दूर से भी सुनी जा सकती है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस बीच पर रात में जो भी गया है, वह वापस नहीं लौटा। यह बीच  प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, लेकिन इस बीच को लेकर स्थानीय लोगों की बातें डरा देने वाली हैं।

काले रंग की यहां पर रेत

इस बीच की सबसे डुमस बीच का इतिहास अरब सागर से लगा हुआ यह बीच सूरत से 21 किलोमीटर की दूरी पर है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यहां की रेत का रंग काला है। इस बीच का इतिहास किसी को नहीं पता। लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि सदियों पहले यहां पर आत्माओं से अपना बसेरा कर लिया और इसी के चलते यहां की रेत काली हो गई। इसी बीच के पास लाशें भी जलाई जाती हैं। लोगों का मनना है कि जिन लोगों को मोक्ष प्राप्त नहीं होता है, या जिनकी अकाल मृत्यु हो जाती है, उनकी रूह इस बीच पर बसेरा कर लेती है। यह फेमस लव स्पॉट भी है। कई कपल्स का कहना है कि दिन में खूबसूरत दिखाई देने वाला यह बीच शाम होने के बाद से ही डरावना नजर आने लगता है। बीच पर रोने और सिसकने की भी आवाजें सुनाई देती हैं।

कुत्तों की एबनॉर्मल एक्टिविटीज

हालांकि कुछ लोग यहां पर भूत- प्रेत होने की बात सिरे से नकारते हैं। उनका कहना है कि रात में यहां कुत्ते मौजूद होते हैं। उन्हीं की आवाजें और भाग- दौड़ से लोग डर जाते हैं। दरअसल, यहां की रेत काली है, जिसके चलते डरावना माहौल नजर आता है। वहींस स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि बीच पर आते ही कुत्ते रोने लगते हैं और इधर- उधर भागते हुए नजर आते हैं। 

नोट- ये स्टोरी इंटरनेट पर मौजूद जानकारी से हिसाब से बनाई गई है। हम इसकी पुष्टी नहीं करते हैं।

Content Editor

Charanjeet Kaur