Health Alert! गलती से खाई ऐसी मछली कि कटवाना पड़ गया हाथ

punjabkesari.in Monday, Mar 04, 2019 - 04:58 PM (IST)

खाना सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होना बहुत जरूरी है क्योंकि तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं लेकिन कई बार हम टेस्ट के चक्कर में इन बातों का ख्याल रखना भूल जाते हैं, नतीजा इसका खामियाजा हमारे शरीर को भुगतना पड़ सकता है। ऐसा ही कुछ इस शख्स के साथ हुआ। टेस्टी चीज यानि मछली खाना इस कद्र भारी पड़ा कि नौबत हाथ काटने तक पहुंच गई हालांकि मछली खाना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन दूषित और जहरीली मछली सेहत को भारी नुकसान भी पहुंचा सकती है।

 

मछली खाने के 12 घंटे बाद सूज गया हाथ

दरअसल, साउथ कोरिया के एक शख्स को मछली खाना बहुत भारी पड़ गया। उस शख्स के मछली खाने के 12 घंटे बाद ही उसका एक हाथ बॉल की तरह सूज गया और उसमें बहुत भयानक दर्द होने लगा। सूजन के साथ ही उसके हाथों में बड़े-बड़े छाले भी पड़ गए। जब डॉक्टरो को दिखाया गया तो मालूम हुआ कि मछली खाने की वजह से उस शख्स के हाथो में भयानक बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया है। इस बैक्टीरियल इंफेक्शन के तमाम इलाज नाकाम साबित हो गए। जिसकी वजह से उस शख्स की जान बचाने के लिए डॉक्टरो को मजबूरन उसका एक हाथ काटना पड़ा।

 

बैक्टीरियल इंफेक्शन थी खास वजह 

यह मामला सियोल से 118 मील दूर जियोनजू शहर का है। यही के रहने वाले 71 साल के एक बुजुर्ग ने सीफूड में सुशी फिश खाई थी। फिश खाने के बाद से ही बुजुर्ग का एक हाथ तेजी से फूलने लगा और उसे तेज बुखार के साथ हाथों में दर्द भी होने लगा। बुजुर्ग शख्स के हाथो में काले रंग के छाले पड़ गए और ये धीरे-धीरे पूरे हाथ में फैल गए थे। डॉक्टर के जांच के बाद 'विब्रियो वुल्निफिकस बैक्टीरिया इंफेक्शन' की बात सामने आई।

 

क्या है ये इंफेक्शन?

दरअसल कच्चे सीफूड जैसे- शेलफिश, ओएस्टर और फिश खाने की वजह से लोगों को 'विब्रियो वुल्निफिकस बैक्टीरिया इंफेक्शन' हो जाता हैं। इस इंफेक्शन से हेल्दी लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होती हैं। अगर हेल्दी इंसान को यह इंफेक्शन हो भी जाता हैं तो वह जल्दी ही रिकवरी कर लेते हैं लेकिन यह इंफेक्शन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों और बुजुर्गों को बड़ी जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है। जिसकी वजह से इनकी जान तक चली जाती है। इसलिए किसी नई चीज का सेवन करने से पहले उस चीज के बारे में अच्छे से जान लें।

हाथ काटकर बचाई जान

इस इंफेक्शन से बचने के लिए डॉक्टरों ने एंटीबायोटिक इंजेक्शन भी दे लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। डॉक्टरो ने बताया कि हाथों में हुए छालों ने अल्सर का रूप ले लिया हैं। अल्सर के वजह से जिंदा टिशू गलने लग गए और घाव बढ़ने लगा। इसके अलावा बुजुर्ग को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की भी परेशानी थी जिसकी वजह से घाव का भरना मुश्किल हो गया और घाव न भरने पर उन्हें बुजुर्ग का एक हाथ काटना पड़ा। हाथ काटने के बाद ही बुजुर्ग शख्स की हालत में सुधार आया।

 


 

Content Writer

Anjali Rajput