देश का वो 'रंगीन मिजाज राजा'...  365 रानियों में से किसके साथ गुजारनी है रात ऐसे करता था फैसला

punjabkesari.in Saturday, Feb 10, 2024 - 07:10 PM (IST)

दुनिया में भारत को वीरों की धरती के नाम से जानती है, यहां का इतिहास ताकतवर राजाओं से भरा पड़ा है। आज भी लोग राजा और रानियों की कहानियां सुनने में दिलचस्पी रखते हैं। आज हम आपको उस राजा के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी 365 पत्नियां और 83 बच्चे थे, तभी तो उन्हें देश का सबसे अय्याश राजा माना जाता था। अपनी रंगरलियों के लिए उन्होंने एक अलग से महल ही बनवाया था।


 भूपिंदर सिंह ने  38 साल तक किया शासन

हम बात कर रहे हैं पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह की जिन्होंने 38 साल तक शासन किया। महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 को मोती बाग प्लेस पटियाला में हुआ था। वह अपने महंगे शौक के लिए दुनिया में मशहूर थे। पिता की मौत के बाद भूपिंदर सिंह 
 पटियाला के महाराजा बने थे और राजगद्दी को संभाला था। 


365 रानियाें को रखा जाता था खास ख्याल

भूपिंदर सिंह ने 1900 से 1938 तक किया शासन और राजा होने के साथ-साथ अपने सारे शौंक भी पूरे किए। वह अपने राज्य में उस समय के पहले व्यक्ति थे, जिन्होने अपना खुद का एयरप्लेन खरीदा था। भूपिंद्रर सिंह की 365 रानियां थी और इन सभी की सुख-सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाता था। कहा जाता है कि अपनी रानियों को खुश करने के लिए महल में उनके नाम की लालटेन जलाई जाती थी। जो लालटेन पहले बुझ जाती थी राजा उस रानी के साथ ही रात गुजारते थे।

83 बच्चे में से 53 ही रहे जीवित

उनकी दस पत्नियों से थे 83 बच्चे हुए लेकिन कहा जाता है कि 53 ही जीवित रह पाए थे। राजा को महंगी गाड़ियां रखने का बहुत शौंक था और उनके पास 44 रोल्स रॉयस कारें थी। पूरी दुनिया मेें वह इतने मशहूर थे कि हिटलर ने उनसे प्रभावित होकर उन्हें अपनी माय्बैक कार तोहफे में दी थी। वह गहने पहनने के भी बहुत शौकिन थे तभी तो वह 2,930 हीरो वाला नेकलेस पहनते थे, जिस पर दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा लगा हुआ था।

बेहद शानदार था किला

राजा 166 करोड़ की कीमत का  Cartier नेकलेस पहनते थे। जो प्लैटिनम और डायमंड  से बना था। महाराजा भुपिंदर सिंह का किला पटियाला शहर के बीचोबीच 10 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। मुख्य महल, गेस्ट हाउस और दरबार हॉल इस किले के परिसर के प्रमुख भाग हैं। इस परिसर के बाहर दर्शनी गेट, शिव मंदिर और दुकानें हैं। इन दोनों महलों को बड़ी संख्‍या में भीत्ति चित्रों से सजाया गया है, जि‍न्हें महाराजा नरेन्द्र सिंह की देखरेख में बनवाया गया था। 
 

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vasudha