शुगर फ्री पर ना करो भरोसा ! WHO ने बताया सेहत को किस तरह डाल रहा है खतरे में

punjabkesari.in Wednesday, May 17, 2023 - 01:16 PM (IST)

इन दिनों सबसे आम और परेशान करने वाली बीमारी है डायबिटीज। आम तौर पर लोग डायबिटीज से बचने के लिए शुगर फ्री पर भरोसा करने लगते हैं। लोगों को लगता है कि ये बिलकुल सेफ है और डायबिटीज को कंट्रोल रखेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में इसे लेकर चेतावनी जारी की है, जिसे जानकर कई लोगों की चिंता बढ़ सकती है। 

PunjabKesari

 कई रागों का बढ़ रहा खतरा

डब्ल्यूएचओ ने शरीर के वजन को नियंत्रित करने या गैर-संचारी रोगों के खतरे को कम करने के लिए शुगर फ्री स्वीटनर्स (मिठास पैदा करने वाले पदार्थ) के इस्तेमाल के खिलाफ आगाह किया है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो  वजन कम करने, स्वस्थ रहने, कम कैलोरी या फिर गैर-संचारी रोगों से बचाने के नाम पर बाजार में बेचे जा रहे ये विकल्प टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा रहे हैं। 

PunjabKesari

इन पदार्थ को खाने की दी गई सलाह

 डब्ल्यूएचओ के पोषण और खाद्य सुरक्षा के निदेशक फ्रांसिस्को ब्रांका का कहना है कि किसी भोजन या पेय पदार्थ में घुली किसी भी प्रकार की मिठास के स्थान पर एनएसएस का इस्तेमाल करने से लंबे वक्त तक वजन कम करने में मदद नहीं मिलती। इसकी बजाय ऐसे पदार्थ खाएं जिनमें  प्राकृतिक रूप से मिठास होती है जैसे कि फल या बिना मिठास वाला भोजन और पेय पदार्थ।

PunjabKesari
स्वास्थ्य में सुधार लाने की जरूरत

ब्रांका ने एक बयान में कहा, ‘‘एनएसएस आहार के लिए आवश्यक तत्व नहीं है और इनका पोषण की दृष्टि से भी कोई महत्व नहीं है। लोगों को अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए जीवन में शुरुआत से ही आहार में मिठास की मात्रा कम रखनी चाहिए।’’यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर गौर करें तो यह गैर-संचारी बीमारियां दुनिया भर में होने वाली 74 फीसदी मौतों की वजह हैं, जो हर साल करीब 4.1 करोड़ लोगों की जिंदगियां लील रही हैं।

PunjabKesari
डब्ल्यूएचओ ने दी यह सलाह

अक्सर इस कृत्रिम मिठास का उपयोग डिब्बा-बन्द खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में किया जाता है और दर्शाया जाता है कि यह पदार्थ स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इन गैर-शक्कर युक्त मिठास में मुख्यतः ऐस्पार्टेम, इस्सेल्फेम पोटेशियम, एडवेंटेम, साइक्लामेट्स, नियोटेम, सैक्रीन, सुक्रालोज, स्टेविया और उसके अन्य रूपों के अलावा अन्य उत्पाद शामिल हैं। इनमें कैलोरी के बिना ही मीठे का स्वाद लिया जा सकता है।  डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 
बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि  बचपन से मीठे का कम सेवन करना चाहिए। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static