हीरे को पेपर वेट की तरह करते थे इस्तेमाल... दुनिया के सबसे अमीर शख्स थे हैदराबाद के ये निजाम

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2024 - 01:39 PM (IST)

आजादी से पहले भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर सारे लोग संपन्न थे और सोना-हीरा जैसी चीजें भी कई लोगों के पास थी। हालांकि अंग्रजों ने काफी हद तक भारत को लुट लिया, लेकिन क्या आपको पता है आजादी के समय दुनिया के सबसे अमीर शख्स थे भारत के एक निजाम। साल 1947 में हैदराबाद के निजाम नवाब मीर उस्मान अली के पास बेशुमार दौलत थी। वो सिर्फ भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सबसे अमीर शख्स थे। इस निजाम के पास कुल 17.5 लाख करोड़ रूपये की संपत्ति थी। मशहूर इतिहासकर डॉमिनिक लापियर और लेरी कॉलिंस अपनी चर्चित किताब 'फ्रीडम एड मिडनाइट' में बताते हैं कि हैदराबाद के निजाम के पास आजादी के वक्त 20 लाख पाउंड से भी ज्यादा की भी नकद रकम थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटों के बंडलों को अखबार में लपेटकर दुछत्ती में रखा जाता था। 

पेपरवेट की तरह इस्तेमाल करते थे हीरा

टाइम मैगजीन के 1937 वें अंक में भी इसका जिक्र किया गया है।  उन्होंने निजाम नवाब मीर उस्मान अली खान को उस समय दुनिया का सबसे अमीर शख्स बताया था। बता दें कि निजाम के महल में नोटों की गड्डियां धूल फांकती थीं और चूहे तक उसे कुतर जाते थे। वहीं निजाम की मेज की दराज में मशहूर जैकब हीरा रखा रहता था। ये बेशकीमती हीरा नींबू के बराबर था और 280 कैरेट का था, लेकिन निजाम इस हीरे को पेपर वेट की तरह इस्तेमाल  किया करते थे।

महल में बिखरे रहते थे हीरे मोती

कॉलिंस और लापियर अपनी किताब में बताते हैं कि निजाम के बाग में भी सोने की ईंद से लदे ट्रक खड़े रहते थे। उनके पास ये ज्वैलरी इतना ज्यादा हो गई थी कि इसे रखने की जगह तक नहीं बची थी। नीलम, पुखराज, हीरे और मोती फर्श में पड़ रहते थे।

पैसे होने के बाद भी कंजूस थे निजाम

इतना पैसा होने के बाद भी निजाम बेहद कंजूस थे। रिपोर्ट्स की मानें तो निजाम के पास सोने के इतने बर्तन थे कि उसमें 200 लोग खाना खा सकते थे, पर वो खुद टीन के बर्तन में खाया करते थे। कपड़े में बेहद गंदे पहनते थे। उन्हें ज्यादातर मैले- कुचैले सूती पायजामा में देखा जाता है और उनकी जूती भी बेहद बेकार किस्म की थी। 

अंग्रेजों के काफी अच्छे दोस्त थे निजाम

हालांकि वो बेहद कंजूस थे पर अंग्रजों के काफी अच्छे दोस्त थे। आजादी के समय अंग्रेजों से सिर्फ हैदाराबाद के निजाम को ही ”एग्जॉल्टेड हाईनेस” का खिताब दिया था। ऐसा इसलिए भी किया गया था, क्योंकि पहले विश्व युद्ध यानी फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के दौरान निजाम ने अंग्रेजों को करोड़ पाउंड की रकम देकर मदद की थी। 

25 साल की उम्र में मिली थी निजाम की उपाब्धि

उस्मान साल 1911 में 25 साल की उम्र में गद्दी पर बैठे थे। उन्होंने हैदराबाद के आखिरी निजाम के रूप में साल 1948 तक शासन किया। उस समय वो दुनिया के सबसे धनी आदमी थे। बता दें उनकी आय का सबसे बड़ा स्नोता गोलकांडा की खदनें थी, जिसके वो मालिक थे। उस समय में ये खदानों से ही हीरों की सप्लाई होती थी। साल 1967 की 24 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई थी।

Content Editor

Charanjeet Kaur