बच्चों पर तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर दिल्‍ली AIIMS के डायरेक्‍टर ने दी यह अहम जानकारी

punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 07:38 PM (IST)

तीसरी लहर का बच्चों पर क्या असर होगा इसे लेकर दिल्‍ली स्थित एम्‍स के डायरेक्‍टर, डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आज ताजा जानकारी सांझा की हैं।  डॉ. रणदीप गुलेरिया ने  जोर देकर कहा कि यह पुख्‍ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कोरोना की अगली लहर में बच्‍चों पर बहुत ज्‍यादा असर होगा। 
 

'तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होगी यह कहना ठीक नहीं'
मीडिया से बात करते हुए रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पिछली दोनों लहर में बच्चों में माइल्ड केस ही रहे हैं। वायरस वही है, ऐसे में यह कहना कि तीसरी लहर से बच्चों में सीरियस केस होंगे या डेथ ज्यादा होगी, ये वैज्ञानिक तौर पर ठीक नहीं लगता। 
 

स्कूल कॉलेज खुलेंगे तो बच्चों में संक्रमण बढ़ सकता हैं-रणदीप गुलेरिया
रणदीप गुलेरिया कहा कि हालांकि हमें इसे लेकर तैयारी करनी चाहिए। लोगों को लग रहा है कि अब तक बच्चे घरों में ज्यादा प्रोटेक्टेड हैं। जब स्कूल कॉलेज खुलेंगे और बच्चे आपस में मिलेंगे तो शायद केस बढ़ सकते हैं लेकिन अब तक के डाटा के मुताबिक ज्यादातर केस में बच्चों को दाखिले की जरूरत नहीं पड़ेगी।
 

 

इन लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर से करवाएं चेकअप- रणदीप गुलेरिया
ब्‍लैक फंगर या Mucormycosis के बारे में एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सिर दर्द, नाक बंद हो जाना, नाक से कभी-कभी खून आना, आंख के नीचे चेहर पर सूजन, एक साइड पर दर्द होना या चेहरे पर सेंसेशन कम हो जाना, यह म्यूकर के लक्षण हो सकते हैं, अगर कोई हाईरिस्क ग्रुप में है यानी डायबिटिक है या स्टेरॉयड ले रहा है तो उन्हें यह लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
 

 तीसरी लहर से कैसे बच्चों को कैसे बचाएं- 

कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए इम्‍यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। अगर शरीर की इम्‍यूनिटी स्ट्रांग होगी तो बीमारियां कम होंगी।

-इसके लिए आप बच्चों को खाने में मल्टीविटामिन दें।

-ऐसे में बच्चों को कोरोना में सुरक्षित रखने के लिए हेल्‍दी खाना खिलाएं। फल और सब्जियां, फ्रूट जूस भरपूर मात्रा में खिलाएं।

-बच्चों को धूप में बैठने के लिए कहेंस उनके खाने में अंडे शामिल करें।

-अगर बच्चों में खाने-पीने की आदत अच्छी हैं तो बीमारियां और कोरोना वायरस भी ज्‍यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है

- कमजोर और कुपोषित बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक जाता है, इसलिए बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें

- गर्मियों में बच्चों के खाने में नींबू पानी, फ्रैश, जूस जैसे ड्रिंक्स की मात्रा अधिक रखें।

-इसके अलावा बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, हैंड सैनिटाइज़ करना इत्यादि सरकार की गाइडलाइन फाॅलों करवाते रहें।
 

Content Writer

Anu Malhotra