कोई ड्राइवर तो कोई स्टंट वुमेन से फेमस, मर्दों को दी उन्हीं की फील्ड में मात - Nari

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 01:47 PM (IST)

फाइटर पायलट, प्राइवेट इन्वैस्टीगेटर और ट्रक ड्राइवर कुछ एेसी फील्ड्स हैं जिनको कुछ वर्षों पहले तक सिर्फ पुरूषों के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में गिना जाता था। मगर अब इन क्षेत्रों में भी भारत की महिलाओं ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। आज हम आपको कुछ एेसी ही लड़कियों के बारे में बताएंगे जो देश की पहली महिला प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर या फिर प्रोफैशनल सर्फर हैं। 

 

 

1. पहली फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी


अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह तथा भावना कंठ भारत की पहली फाइटर पायलट बनीं। 24 साल की अवनी चतुर्वेदी अकेले फाइटर पायलट के तौर पर विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी। इस साहसियक कार्य से उन्होंने इतिहास रच दिया। 

 

2. प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर हैं महाराष्ट्र की रजनी


रजनी महाराष्ट्र में पहली महिला प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर हैं और सम्भवत भारत की सर्वाधिक प्रसिद्ध महिला जासूस हैं। जब वह कॉलेज में थीं तो उन्होंने अपने परिवार की मदद से अपना पहला केस हल कर लिया। फिर उन्होंने 1991 में रजनी पंडित डिटैक्टिव सर्विसिज की शुरूआत की थी। अब वह महिलाओं को जासूस बनने के लिए ट्रेनिंग दे रही हैं। 

 

 

3. 23 साल की अनम हाशिम पहली स्टंट वुमन


23 साल की अनम हाशिम पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने एक स्टंट कम्पीटिशन जीता था। वह कहती है,'जब मैं स्कूल में थी तो मैंने कुछ महिला बाइक राइडर्स को स्टंट परफॉर्म करते देखा था और उसी बात ने मुझे प्रेरित किया था। इस तरह के गैर-परंपरागत प्रोफैशन में जाने की इच्छुक लड़कियों को मेरी सलाह है कि आपकी इच्छाशक्ति बहुत ताकतवर होनी चाहिए। आप किसी भी चीज को खुद पर हावी ना होने दें।' 

 

 

4. प्रोफैशनल सर्फर इशिता मालवीय 


इशिता मालवीय भारत की पहली प्रोफैशनल महिला सर्फर हैं। वह कहती हैं, 'सर्फिंग के बारे में जो बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद है वह यह है कि मुझे अपना बचपन एक बार फिर महसूस होने लगता है। मुझे लगता है कि भारत में एक महिला के तौर पर आपको बहुत जल्दी बड़ा होने के लिए बाध्य किया जाता है। '

 

 

5. 48 साल की योगिता रघुवंशी पहली महिला ट्रक ड्राइवर 


48 साल की योगिता रघुवंशी के लिए ट्रक चलाना आम दिनों के अन्य कामों जैसा ही है। उन्होंने 2003 में एक हादसे में अपने पति को खो देने के बाद 10 पहियों वाला एक ट्रक चलाना शुरू किया। भारत की यह पहली महिला ट्रक ड्राइवर कहती है, 'आजीविका कमाने की जरूरत यह तथ्य है कि मैं महीने में सिर्फ एक ट्रिप के माध्यम से अपने परिवार को चला सकती हूं, यही मेरे ट्रक ड्राइवर बनने के पीछे का मुख्य कारण है।' 

Content Writer

Nisha thakur