विजदशमी: इन गांवों में दशहरे की खुशी नहीं, मनाया जाता है रावण का शोक
punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 05:07 PM (IST)
देशभर में दशहरे के दिन रावण दहन किया जाता है। हर जगह मेलों की रौनक देखने को मिलती है। रावण, कुंभकरण, मेघनाथ के पुतले जलाएं जाते हैं। मगर देश के कई हिस्सों में विजयदशमी के दिन रावण का शोक मनाया जाता है। असल में, इन गांवों का संबंध रावण व इसके परिवार से जुड़ा है। इसलिए यहां पर विजयदशमी के दिन रावण दहन की जगह पूजा करने का महत्व है। चलिए जानते हैं इनके बारे में...
मध्यप्रदेश के विदिशा के पास नटेरन नामक गांव में रावण का शोक
मध्यप्रदेश के विदिशा के पास नटेरन नामक गांव में रावण दहन पर शोक मनाया जाता है। कहा जाता है कि यह गांव रावण की पटरानी मंदोदरी का गांव था। इसलिए यह गांव रावण को दामाद मानता है। ऐसे में वे विजयदशमी के दिन रावण की बरसी मनाते हैं। साथ ही उनकी पूजा करके झांकी सजाते हैं।
कानपुर जिले के शिवाला में दशानन मंदिर
कानपुर जिले के शिवाला में दशानन मंदिर है। कहा जाता है कि यह मंदिर विजयदशमी पर यानि साल में सिर्फ एक बार ही खुलता है। इस खास पर्व पर मंदिरों को फूलों से खूब सजाया जाता है। रावण की मूर्ति को दूध से नहलाने की प्रथा है। उसके बाद भक्त रावण की पूजा करके सरसों तेल के दीपक जलाते हैं। दशहरा पर्व पर मंदिर के द्वार रावण दहन से पहले ही बंद कर दिए जाते हैं।
राजस्थान के जोधपुर जिले में रावण मंदिर
राजस्थान के जोधपुर जिले में मंदोदरी नामक एक स्थान है। पौराणिक कथाओं अनुसार, इसी जगह पर रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था। इसके साथ ही यहां के चांदपोल स्थान पर रावण मंदिर भी स्थापित है। बता दें, रावण और मंदोदरी के विवाह स्थल पर चवरी नाम की एक छतरी भी है।
कर्नाटक में रावण पूजा करने का महत्व
कर्नाटक के मंडया जिले में भी दशहरे पर्व पर रावण की पूजा होती है। यहां के माललवी इलाके में रावण मंदिर है। इसके साथ ही कर्नाटक के कोलार जिले में भी रावण दहन नहीं किया जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि दशानन महान शिव भक्त था इसलिए रावण दहन नहीं बल्कि उसकी भी पूजा होनी चाहिए।
आंध्र प्रदेश में शक्ति सम्राट के रूप में रावण पूजा
जैसे की सभी जानते हैं कि रावण को कई सिद्धियां प्राप्त थी। ऐसे में आंध्रप्रदेश के काकिनाड इलाके में एक रावण मंदिर स्थापित है। बता दें, इस मंदिर में रामभक्त भी दर्शन करने आते हैं। यहां पर रावण को शक्तिसम्राट माना जाता है।
मंदसौर में रावण का ससुराल
मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी विजयदशमी पर रावण की पूजा करने का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पुराने समय में मंदसौर गांव का नाम दशपुर था। माना जाता है कि यह जगह रावण की पत्नी का मायका था। ऐसे में यहां पर रावण दहन होने की जगह पर दशानन की पूजा होती है।
साथ ही विजयदशमी के दिन रावण की मृत्यु का शोक मनाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के बिसरख में रावण के पिता
उत्तर प्रदेश के बिसरख में भी रावण का मंदिर स्थापित है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस गांव का नाम विश्वेश्वरा था, जो रावण के पिता थे। इसलिए दशहरे के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा की जाती है।