Birthday Special: सुषमा स्वराज के ये विचार देते हैं उनकी मजबूत छवि का परिचय

punjabkesari.in Monday, Feb 14, 2022 - 01:48 PM (IST)

भारतीय राजनीति में सुषमा स्वराज जी का नाम बड़े हैं ही सम्मान से लिया जाता है। उन्होंने अपने पद के साथ अंतराष्ट्रीय मंचों पर भारत की गरिमा को बनाए रखने का ध्यान रखा। वे ट्विटर पर भी अपने जवाब सवाल के लिए हमेशा यूथ में छाई रहती थी। किसी भी मुद्दे पर अपने विचार पेश करते दौरान उनके चेहरे पर भरोसा, इत्मीनान व तेज होता है, जो उन्हें देश के हर नागरिक से जुड़ाव महसूस कराता था। भले ही वे अब इस दुनिया में नहीं हैं मगर उनके विचार आज भी हर किसी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। इसके अलावा उनकी भाषा पर एक मजबूत पकड़ होने से वे जटिल बातों को भी प्यार से समझाती थी। उनकी बातों को सुनकर ऐसा लगता था कि मानो घर का कोई बड़ा सदस्य किसी बात पर सुझाव दे रहा हो।


ऐसे में आज उनकी जयंती पर अब हम आपको सुषमा जी के कुछ संवाद व विचार बताते हैं। इनके इन विचारों को हर किसी को अपने जीवन में जरूर अपनाने चाहिए...

 

. मोहब्बत में आंसू बहाना नही आता, बनारस आकर बनारस का पान खाना नही आता, आपको गांठ खोलना नही आता और मसखरी के अलावा कुछ बोलना नही आता।

. एक दूसरों को दोषारोपण करके किसी भी समस्या का समाधान नही हो सकता, बल्कि एक साथ होकर होता है।

नवाज शरीफ कहते है मेरे देश में मानव अधिकार का उल्लघंन हो रहा है, मैं कहना चाहूंगी जिनके अपने घर शीशे के हो उन्हें दूसरों पर पत्थर नही फेकनें चाहिए।

दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान होता तो सिर्फ संवाद से ही है, युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नही है।

अपने प्यारे पड़ोसी दुनिया में ऐसा देश है जो बोते भी है तो आतंकवाद, उगाते भी है तो आंतकवाद, बेचते भी है तो आंतकवाद, निर्यात भी करते है तो आंतकवाद।

 

हम आंतकवाद की परिभाषा तय करने में उलझे हुए है, तुम्हें यह समझना होगा की आंतकवादियों में अच्छे या बुरे के आधार पर अंतर नही किया जा सकता हैं ।

समाजिक और नैतिक प्रगति भी हमारा एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है, मानव के न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति कर दी जाए तो शांतिप्रिय समाज की स्थापना हो सकती है।  

हमने 2 वर्षों में मित्रता का वह पैमाना खड़ा किया जो उसे पहले कभी नही था, लेकिन हमें मिल क्या बदले में पठानकोट, उरी, बहादुर अली

हमने कोई काम छुप छुप के नहीं किया, अगर छुप छुप के किया तो क्वात्रो को भगाने का तुमने किया, राजीव गांधी की सरकार में एंडरसन को भगाने का तुमने किया।

कुछ तो मजबूरियां रही होगीं, यूं ही कोई बेवफा नही होता और हमारी ये मजबूरी है कि आप देश के कसाथ बेवफाई कर रहे है, इसलिए हम आपके साथ वफादार नही रह सकते।

 

 

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neetu