ब्रेस्ट कैंसर होने की सबसे बड़ी निशानी ! जिस पर तुरंत गौर करने की जरुरत

punjabkesari.in Thursday, Oct 20, 2022 - 04:44 PM (IST)

कैंसर कोई भी जानलेवा ही होता है, अगर समय पर उसके संकेतों को पकड़ा ना जाए। भारत में महिलाओं को होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है और जिसके मामले अब तेजी से बढ़ भी रहे हैं। बावजूद इसके महिलाएं जागरूक नहीं है अगर कुछ संकेतों को समय रहते नोट कर लिया जाए तो बीमारी को मात देने में आसानी होती है। ब्रेस्ट और सर्विक्स यूट्रेरी कैंसर महिलाओं को होने वाले कैंसर के मामले सबसे अधिक है। चलिए आज के इस पैकेज में ब्रेस्ट कैंसर की निशानियां, कारण और इससे बचने के उपायों पर ही बात करते हैं।

1. सबसे पहले ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों पर बात करते हैं कि कैसे पता चलेगा कि ये ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत है?

विशेषज्ञ व एक्सपर्ट की मानें तो ब्रेस्ट में लंप या गांठ और छूने पर कठोर लगना ये ब्रेस्ट कैंसर का सबसे बड़ा संकेत हैं हालांकि 95 प्रतिशत गांठें कैंसर नहीं होती। फिर भी अगर गांठ महसूस हो तो तुरंत मेडिकल जांच करवानी चाहिए।

ब्रेस्ट पर किसी प्रकार की सूजन, जलन, लालगी, सख्तपन, बदलती बनावट, निप्पल में किसी तरह का रिसाव, अंदर की तरफ धंसी छाती व दर्द, निप्पल टेढ़े होना, स्तनों पर खिंचाव, अंडरआर्म में गांठ, खून या पस जैसे कुछ निकलना जैसी कुछ निशानियां दिखें तो लापरवाही ना बरतें।

हालांकि कई बार लक्षणों पर गौर करना चुनौती भरा हो जाता है क्योंकि छोटे ट्यूमर का पता नहीं चल पाता और लक्षण महसूस नहीं होते।

 

2. ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण, 20 से 30 साल की महिलाओं में खतरा ज्यादा?

 एक्सपर्ट के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने के पीछे कोई बिलकुल ठोस वजह पता नहीं है। हालांकि एक्सपर्ट ब्रेस्ट कैंसर होने के दो कारण बताती हैं एक मुख्य तौर पर आपका लाइफस्टाइल दूसरा जेनेटिक रिजन। घर में आपकी दादी-नानी मां आदि को पहले यह बीमारी घेर चुकी हैं तो अन्य सदस्य को कैंसर होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। 20 से 30 साल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले आने का कारण लाइफस्टाइल की बजाए जेनेटिक है।

20 से 30 साल की युवा लड़कियों में बढ़ते मामले

हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक, पिछले 10 से 15 सालों में युवा महिलाओं को कैंसर होने के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। सबसे कम उम्र में 20 से 30 साल की उम्र की महिलाएं शामिल हैं जबकि पश्चिमी देशों में महिलाओं में 40 की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं और 50-60 साल की उम्र की महिलाओं में इस तरह का कैंसर ज्यादा देखने को मिलता है लेकिन यहां पर युवा औरतों के मामले 15 प्रतिशत है। 20 साल की लड़कियों को मामले आ रहे हैं जो सच में असामान्य बात है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव का तरीका क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखें तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें, उनसे खुलकर बात करें। डॉक्टर, मैमोग्राम, सोनो-मैमाग्राम या एफएनएसी जांच करवाने को कहें तो तुरंत करवाएं।

घर में पहले ही कैंसर हिस्ट्री है तो उनके मामलों में 25 साल की उम्र के बाद स्क्रीनिंग व जेनेटिक टेस्टिंग की सलाह भी दी जाती है।

महिलाओं को हर 1 से 3 साल में एक ब्रेस्ट टेस्ट करवाना चाहिए खासकर 40 के बाद, यह हर साल किया जाना चाहिए।

इसी के साथ आपका लाइफस्टाइल जितना हैल्दी होगा उतना ही आप बीमारियों से बची रहेगी। हैल्दी आहारों को शामिल करें। योग, एक्सरसाइज और सैर से शरीर को एक्टिव रखें। एल्कोहल व धूम्रपान से दूर रहें। 

20-30 साल की लड़कियों को ब्रेस्ट कैंसर होने पर उनके शरीर पर किस तरह का असर पड़ सकता है?

इस दौरान चलने वाली कीमोथेरेपी महिला की फर्टिलिटी यानी प्रजनन  क्षमता पर असर डाल सकता है।

कई मामलों में कीमोथेरेपी का ओवरिज़ या अंडाशय पर भी असर हो सकता है। उन्हें ओवरिएन प्रिज़रवेशन या ओवरिज़ को संरक्षित करने की सलाह भी दी जा सकती हैं।

कोशिश की जाती है कि ब्रेस्ट को हटाने की प्रक्रिया ना हो। डाक्टरों द्वारा ब्रेस्ट कंज़रवेशन सर्जरी या रिकन्स्ट्रक्शन करने की कोशिश की जाती है।

जेनेटिक टेस्ट में अगर महिला पॉजिटिव पाई जाती है तो ब्रेस्ट का दूसरा हिस्सा सामान्य भी हो तो उसे हटा दिया जाता है क्योंकि जीन म्यूटेशन हो रहा हो तो इन मामलों में उसके आगे बढ़ने की संभावना ज़्यादा होती है।

अब तो आप ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जान गई होंगी। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जागरुकता होना बहुत जरूरी है क्योंकि समय पर उठाया एक कदम आपको जीवनदान दे सकता है।

Content Writer

Vandana