थाइरायड को कंट्रोल में रखेंगे योग के 7 आसान आसन

punjabkesari.in Friday, Aug 14, 2020 - 05:07 PM (IST)

योग न केवल शरीर को तंदरुस्त और चुस्त रखने में मदद करता है बल्कि यह शरीर की कई तरह की बीमारियों को भी कंट्रोल करता है। योग शरीर में लचीलापन बना कर एनर्जी बनाए रखने में मदद करता है। वहीं आज बदलती लाइफ के कारण महिलाएं कई तरही बीमारियों का शिकार हो रही है जिसमें से सबसे आम है  थायराइड की समस्या । जिसे कंट्रोल में रखने के लिए वह कई तरह की दवाओं का सेवन करती है। वहीं रिसर्च की माने तो बिना दवाईयों की मदद से योग करके महिलाएं थायराइड की समस्या पर कंट्रोल पा सकती है। चलिए बताते है आपको आप किन योगासन को अपना कर थायराइड की समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं। 


क्या है थायराइड 

थायराइड गर्दन में पाई जाने वाली एक ग्रंथि का नाम है जो कि शरीर में मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। जब हम कुछ खाते है तो यह उसे ऊर्जा में बदलने का काम करती है। इसके साथ ही दिल, हड्डियों, मांसपेशियों और कोलेस्ट्रोल कंट्रोल में रहते है। इससे शरीर के हार्मोन का भी निर्माण होता है। जब इनका संतुलन बिगड़ जाता है तो शरीर का वजन बढ़ने या कम होने लगता है। जिसे आम भाषा में थायराइड कहा जाता है।

 

रोज करें ये योगासन 

 

सर्वांगासन

 

इसमें शरीर के पूरा भार कंधों पर आ जाता है और शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है। यह शरीर में थायरॉक्सीन और थायरॉयड ग्लैंड को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें रक्त का प्रवाह पैरों से दिमाग की ओर चलता है जिससे थायराइड की समस्या कम होती है। 


भुजंगासन 

इस आसन को करने से गले व गर्दन के भाग पर  अच्छी तरह से स्‍ट्रेच पड़ता है, जिस कारण थायरॉयड की समस्या में राहत मिलती है। गर्दन का दर्द भी कम करने होता है और मजबूत बनती है। 

 

 मत्स्यासन

इसमें पद्मासन की मुद्रा में बैठ कर हाथों के सहारे से धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेटना होता है। यह पूरी तरह से मछली का पोज होता है इसलिए इसे मत्स्यासन करते है। यह शरीर में तनाव को कम करके जोड़ों को कड़क होने से रोकता है। इससे शरीर को आराम मिलता है और  थायराइड के कारण तनाव या मूढ़ में उतार-चढ़ाव आता है वह कंट्रोल में रहते है।


सेतुबंधआसन

 इसमें पैर जमीन पर लगे होते है और पीठ की मदद से शरीर को ऊपर उठाया जाता है। इससे पूरा शरीर एक बांध के रुप में नजर आता है। इससे थायराइड ग्लैंड और गले की मसल पर काफी खिंचाव पड़ता है और थायराइड की समस्या काफी कंट्रोल में रहती है। इससे दिमाग काफी शांत रहता है। 

प्राणायाम 

प्राणायाम जैसे कि उज्जयी, भ्रामरी, डायफ्रोमेटिक ब्रीदिंग और नाड़ी शोधन प्राणायाम थायरॉइड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। यह गले की मसल पर सीधे असर डालते है जिससे कि वह अच्छे से काम करते है। 

 

मेडीटेशन

 

ध्यान के साथ मंत्र जाप करने से थायराइड पर बहुत ही साकरात्मक प्रभाव पड़ता है। सिर्फ थोड़ी देर ही किए गए ध्यान से मन शांत और तनाव मुक्त हो जाता है। 

शवासन 

शवासन दोनों प्रकार - हाइपर और हाइपो थायरॉइड की समस्या को कम करते है। यह मन को शांत करता है साथ ही तनाव को कम करने सहायक है।
 

Content Writer

khushboo aggarwal