सैनिकों की पत्नियां बनीं प्रेरणा, किसी ने उठाया विधवाओं का जिम्मा तो किसी ने खुद को बनाया सशक्त

punjabkesari.in Saturday, Aug 15, 2020 - 02:43 PM (IST)

इसमें कोई शक नहीं कि हमारे देश के जवान जो काम कर रहे हैं वो काफी मुश्किल वाला हैं लेकिन सीमा पर तैनात जवानों की पत्नियों की जिंदगी किसी चुनौती से कम नहीं, मगर जो इन चुनौतियों से निकलकर कुछ बड़ा अचीव कर जाए वो दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन जाती हैं। आज हम आपको कुछ आर्मी ऑफिसर्स की वाइव्स से मिलवाने जा रहे हैं जो जिन्होंने ना ही आर्मी की वर्दी पहनी है, और ना ही देश के लिए अपनी जान जोखिम में डाली लेकिन फिर भी अपने साहस के दम पर आज एक योद्धा, हीरो व सैनिकों की 
सशक्त पत्नियां कहलाती हैं।  

सुभाषिनी वसंत(Subhashini Vasanth)

सुभाषिणी के पति कर्नल वसंत वेणुगोपाल ने जम्मू-कश्मीर में 31 जुलाई, 2007 में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। पति के मौत के तीन महीने बाद सुभाषिणी ने वसंतरत्ना फाउंडेशन फॉर आट्र्स की नींव रखी जिसका मकसद शहीदों की विधवाओं को जिंदगी की नई राह दिखाना है। सुभाषिणी शहीदों की विधवाओं को डांस, आर्ट, प्ले, एजुकेशनल प्रोग्राम आदि के माध्यम से उम्मीद की किरण दिखा रही हैं। सुभषिणी के लिए शहीदों की पत्नी केवल विधवा नहीं बल्कि वीर नारी हैं। सुभषिणी का कहना है कि शहीदों की पत्नियों को आर्थिक मदद के साथ-साथ उन्हें एक नए उद्देश्य की जरूरत भी है, उन्हें खुद स्टेंड लेने की जरूरत हैं। उनके फांडेशन की 5 सदस्यीय टीम सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाने में इन महिलाओं की मदद करती हैं।

मोनिषिका रॉयचौधरी (Monishikha RoyChoudhury)

फौजी की पत्नी जो कठिन परिस्थियों में खुद को और भी मजबूत बना लेती हैं, इसकी सबसे अच्छी उदाहरण इंजीनियर से पेंटर बनी  मोनिषिका रॉयचौधरी हैं। छोटी उम्र से ही मोनिशिखा को स्केचिंग और पेंटिंग का शौक था। शादी के बाद अपनी सास के संयोग के कारण उनका यह शौक और भी बढ़ता गया, मगर प्रेग्नेंसी के दौरान उन्हें अपने सपनों की उड़ान पर रोक लग गई। मगर उन्होंने इस दौरान वॉटर कलर से पेंटिंग की। बस यहीं से शुरू हुई उनके सपनों की उड़ान। उन्होंने पेंटिंग क्लासेज लगाई, फिर वो अपनी पेंटिंग की एग्जीबिशन लगाने लगी। मोनिषिका महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जिन्होंने एक मां और फौजी की पत्नी के कर्तव्य के साथअपने पेंटिंग के पेशन को भी समय दिया और एक सशक्त महिला के रूप उभर कर सामने आई। 

स्वाति महादिक(Swati Mahadik)

स्वाति महादिक के पति कर्नल संतोष महादिक नवंबर, 2015 को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में शहीद हो गए थे, जिसके बाद आर्मी ऑर्डनेंस कोर ने उन्हें सेना में अधिकारी के रूप में शामिल किया।  कर्नल महादिक सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी थे जिन्हें उनकी वीरता के लिए सेना मेडल दिया गया था। पति की मौत के बाद स्वाति पूरी तरह टूट चुकी थी लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और पति का सपना पूरा करने के लिए एसएसबी की परीक्षा दी। 11 महीनों के कठिन प्रशिक्षण के बाद स्वाति को सेना में जगह मिली। स्वाति महादिक कहा कहना है कि यूनिफॉर्म उनके पति का पहला प्यार था और इसीलिए उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया, ताकि वर्दी पहन सकूं। 

मधुलिका रावत(Madhulika Rawat) 

आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) की प्रेसिडेंट और आर्मी चीफ बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। मधुलिका आर्मी वाइव्स के लिए आगे आई। उनके एसोसिएशन का उद्देश्य सेना के जवानों की पत्नियों व बच्चों का विकास और उन्हें अलग-अलग क्षेत्र में सशक्त बनाना है। 

Content Writer

Sunita Rajput