वजन घटाने के लिए ट्रैंड में है ये 6 अजीब डाइट प्लान

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 10:51 AM (IST)

मोटापा आजकल हर 10 में से 8वें व्यक्ति की समस्या बन गया है। कुछ लोगों के लिए वजन घटाना आसान होता है जबकि कुछ लोगों को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वेट लूज के लिए लोग अपने हिसाब से नए-नए डाइट प्लान भी अपनाते हैं। मगर आज अपने इस पैकेज में हम आपको कुछ अजीब वेट लूज डाइट के बारे बताएंगे, जिनका क्रेज इन दिनों लोग में खूब देखने को मिलता।

चलिए आपको बताते हैं अब तक के सबसे अजीब वेट लॉस डाइट ट्रेंड के बारे में... 

बेबी फूड डाइट

बेबी फूड डाइट में मैश्ड और फॉर्मूला फूड का सेवन किया जाता है, जिससे कैलोरी कम होती है। इसमें खिचड़ी, मटर प्यूरी, दाल सूप, चावल से बना दलिया, दही आदि शामिल होता है, जो आसानी से पच जाता है। मगर, एक्सपर्ट्स के मुताबिक बेबी फूड युवाओं में कैलोरी की जरूरत को पूरा नहीं करता, जिससे शरीर में विटामिन और पोषक तत्वाें में कमी हो जाती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इस डाइट से दूर रहें।

जूस डाइट

वजन घटाने के चक्कर में कुछ लोग खाना-पीना छोड़ सिर्फ फलों व सब्जियों का ही जूस पीते हैं। इसमें भोजन का 1/4 भाग ही लिया जाता है, जो सेहत के लिहाज से गलत है। वजन घटाने के लिए कैलोरी बर्न के साथ-साथ उसे लेना भी जरूरी है, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे।

शीशे के सामने खाना

सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन कुछ लोग शीशे के सामने बैठ कर खाना खाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे यह पता चलता रहेता है कि आप कितना खाना खा रहे हैं। इससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

डार्क ब्लू रंग की प्लेट में खाना

लोगों का मानना है कि लाइट कलर की प्लेट में ज्यादा खाना खा लेते हैं जबकि डार्क कलर की प्लेट में खाना कम लेने पर भी ज्यादा दिखता है। इससे डाइट पर असर पड़ता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

पुदीने, केले और सेब को सूंघे

कुछ लोगों को मानना है कि सिर्फ हेल्‍दी फ्रूट को सूंघने से ही पेट भर जाता है। पुदीने, केले और सेब की गंध को जितना सूंघेंगे उतना ही भूख कम लगेगी, जिससे वजन कंट्रोल होगा। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो वही जाने जो इस डाइट को फॉलो कर रहे हैं।

रॉ फूड डाइट

रॉ फूड डाइट यानि कच्चे फल, सब्जियां, नट्स, बीज, अंकुरित अनाज आदि का सेवन करना। कुछ लोग इसे शाकाहारी डाइट कहते है, क्योंकि इनमें दूध, अंडा, नाॅनवेज और डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं किया जाता। इसमें भोजन को 46 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान पर पकाया नहीं किया जाता है।

Content Writer

Anjali Rajput