World Mosquito Day: मच्छर दे सकते हैं आपको ये 6 बीमारियां इसलिए रहें सतर्क

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2020 - 10:06 AM (IST)

मच्छर से फैलने वाले रोग : मानसून के मौसम में बारिश और ठंडी हवाओं के साथ मच्छरों की परेशानी भी झेलनी पड़ती है। मच्छर के आसपास होने से न सिर्फ इरिटेशन होता है बल्कि इससे आप खतरनाक बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं। मानसून में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी होना हर किसी के लिए बेहद जरूरी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, मच्छरों के काटने से हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौते हो जाती हैं। आज विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) पर हम आपको मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारियों के बारे में बताएंगे, जिससे सर्तक रहकर आप मौत के खतरे से बच सकते हैं।

मलेरिया

मलेरिया मादा ऐनोफ्लीज मच्छर (Female Anopheles Mosquito) के काटने से फैलता है, जोकि गंदे पानी में पनपते हैं। इस बीमारी में सिरदर्द, उल्टी, दस्त, नाक से खून निकलना, कमजोरी, एक ही समय पर बुखार आना और उतरना जैसे लक्षण 7-8 दिन बाद दिखाई देते हैं। लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डेंगू

डेंगू की बीमारी मादा एडिस मच्छर के काटने से फैलती है, जोकि गंदे पानी में पनपते हैं। मच्छरों के काटने के साथ-साथ यह बीमारी संक्रमित खाने से भी हो सकती है। इसके सिम्टम्स में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल होते हैं। यह लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

चिकनगुनिया

चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाला एक ऐसा बुखार है, जो शरीर के जोड़ों को प्रभावित करता है। यह बीमारी जानलेवा नहीं लेकिन फिर भी समय रहते इसका इलाज करना बहुत जरूरी है। एडीज अल्बोपिक्टस जैसे संक्रमित मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी में बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और तेज सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

ला क्रोसे इंसेफलाइटिस

मच्छर से पैदा होने वाली यह बीमारी काफी रेयर है। इससे पीड़ित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, उल्टी, थकान और सुस्ती हो सकती है। इसके बहुत अधिक सीरियस होने पर बेहोशी या कोमा और लकवे की प्रॉब्लम भी हो सकती है। ऐसे में लक्षण पहचानकर तुरंत इलाज करवाएं।

येलो फीवर

मच्छरों के काटने से होने वाले येलो फीवर या पीत ज्वर का पता कुछ दिन बाद ही चलता है। इसे येलो फीवर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके सिम्पटम्स बहुत कुछ पीलिया से मिलते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर लीवर पर पड़ता है इसलिए लीवर में खराबी या त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

जीका वायरस

जीका वायरस एंडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। यह वायरस संक्रमित मां से नवजात शिशु को भी हो सकता है। इसके अलावा यह वायरस ब्लड ट्रांसफ्यूजन और यौन संबंध बनाने से भी फैलता है। जीका वायरस के लक्षण मच्छरों के काटने के 3-12 दिनों के बीच दिखाई देते हैं। मानसून में तेज बुखार, रैशेज, सिर दर्द और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण जीका वायरस का संकेत हो सकते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput