Women Health: ये 5 फूड्स ही महिला की ओवरी में बनाते हैं सिस्ट, करें बचाव

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 04:26 PM (IST)

ओवेरियन सिस्ट, महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, जो हर महीने के मासिक चक्र के दौरान हो सकते हैं। ज्यादातर महिलाओं को इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं चलता क्योंकि इसमें किसी भी तरह का दर्द नहीं होता लेकिन अगर यह परेशानी बढ़ जाए तो इससे बांझपन का खतरा भी हो सकता है।। इतना ही नहीं, यह सिस्ट कैंसर का रूप भी ले सकते हैं इसलिए महिलाओं को इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है।

क्या है ओवरियन सिस्ट?

औरतों के दो अण्डाशयों (Ovaries) होती हैं। जब किसी एक ओवरी में द्रव से भरी हुई थैली उत्पन्न हो जाती है तो उसे ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) कहा जाता हैं। ये सिस्ट बिना इलाज के ठीक भी हो जाते हैं लेकिन अगर यह लगातार बढ़ते जाए तो एक समय बाद कैंसर का रूप भी ले सकते हैं।

कैसे बनते हैं ये सिस्ट?

-ओवेरियन सिस्ट दो तरह के होते है- कार्यात्मक ओवेरियन सिस्ट, जो मासिक धर्म के कारण बनते है। दअरसल, अण्डाशयों के अंदर तरल पदार्थ का एक कूप बनता है जोकि अंडे की रक्षा करता है। पीरियड्स के दौरान यह कूफ फूट जाता है और अंडा निकल जाता है। मगर कई बार कोई कूप फूट नहीं पाता और अण्डाशय के अंदर ही बढ़ने लगता है, जिसे सिस्ट कहा जाता है।

-दूसरे होते हैं असाधारण कोशिकाओं (Abnormal Cells) के बढ़ने से बनने वाले सिस्ट, जो गर्भ के बाहरी परत पर पाए जाते है।। इस तरह के सिस्ट कम महिलाओं में पाए जाते हैं। ये सिस्ट्स आकार में जितने बढ़े होते जाते हैं इनके फटने का खतरा उतना ही बढ़ता जाता है। इतना ही नहीं, इससे कैंसर का खतरा भी दूसरे सिस्ट के मुकाबले ज्यादा होता है इसलिए इन्हें तुरंत हटाना बहुत जरूरी है।

हार्मोन इम्बैलेंस का इसका कारण

बांझपन और कैंसर तक का खतरा पैदा करने वाली यह बीमारी हार्मोन्स लेवल बिगड़ने के कारण होती है। इतना ही नहीं, कई बार इसके चलते महिला को टाइप-2 डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी हो जाती है। गर्भधारण करने वाली महिलाओं को ही इसका खतरा ज्यादा होता है। कुछ महिलाओं में प्रैग्नेंसी के दौरान भी सिस्ट पाए जाते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में वो दूसरे ट्रिमस्टर (Second Trimester) में ही ठीक हो जाते है। अगर प्रैग्नेंसी के दौरान यह तेजी से बढ़ते रहे तो डॉक्टर्स सर्जरी की सलाह देते हैं।

ओवरी सिस्ट के लक्षण

-अनियमित पीरियड्स
-अनचाहे बाल
-वजन का लगातार बढ़ना
-उल्टी होना
-पैर और पीठ में दर्द होना
-पेशाब से खून आना

फूड्स जो बनते हैं इसका कारण
रेड मीट

रेड मीट यानि मटन में सैचुरेटेड फैट होता है, जो एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाकर इस बीमारी का खतरा पैदा करते हैं। इससे PCOS होने की संभवाना भी अधिक होती है।

सफेद चीनी

इससे अधिक सेवन शरीर में इंसुलन लेवल को बिगाड़ देता है, जो इस बीमारी को जन्म देता है। ऐसे में अपनी डाइट में कम सेकम चीनी को शामिल करें।

प्रोसेस्ड फूड्स

प्रोसेड फूड्स से भी ओवरी में सिस्ट बनने की संभावना अधिक होती है। इसमें मौजूद कैमिकल्स, प्रसवेटिव और इडेटिड चीजों के कारण इससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, जिससे ओवरी सिट्स का खतरा पैदा होता है।

कॉफी

ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। इसमें मौजूद कैफीन से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पीरियड्स के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।

शराब

शराब का सेवन करने से ना सिर्फ एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है बल्कि इससे हार्मोन्स भी इम्बैलेंस हो जाते हैं, जिससे सिस्ट बनने का खतरा बढ़ जाता है।

Content Writer

Anjali Rajput