इतने वर्षों बाद सूरज की हो जाएगी मौत, वैज्ञानिकों ने देख लिया पृथ्वी का खौफनाक भविष्य

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 03:26 PM (IST)

नारी डेस्क: NASA के TESS (Transiting Exoplanet Survey Satellite)मिशन ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खगोलीय रहस्य उजागर किया है । वैज्ञानिकों का दावा है कि जब तारे अपनी उम्र के अंतिम चरण में पहुंचते हैं और “रेड जायंट” (लाल दानव) बन जाते हैं और फिर वे अपने नज़दीकी ग्रहों को निगल लेते हैं।  वैज्ञानिकों ने 5 लाख स्टार सिस्टम्स में से 130 ग्रह प्रणालियों की पहचान की जहां ये विनाश हो चुका है। 


क्या होता है रेड जायंट तारा?

जब सूरज जैसे तारे बूढ़े हो जाते हैं, तो उनका हाइड्रोजन खत्म होने लगता है।इसके बाद उनका आकार कई गुना बढ़ जाता है और वे “रेड जायंट” कहलाते हैं। इस दौरान उनका तापमान कम होता है, पर उनका आकार इतना बड़ा हो जाता है कि वे अपने पास के ग्रहों को अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से खींचकर अंदर समा लेते हैं।


TESS मिशन ने कैसे किया यह खुलासा?

NASA का TESS मिशन दूर के तारों और उनके ग्रहों (Exoplanets) की खोज के लिए 2018 में लॉन्च किया गया था। वैज्ञानिकों ने इसके डेटा से देखा कि कुछ रेड जायंट तारों के आसपास मौजूद ग्रह अचानक गायब हो गए। इससे संकेत मिला कि वे ग्रह तारे के अंदर समा गए हैं।  वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 5 अरब साल बाद सूरज भी अपने जीवन के अंतिम चरण में रेड जायंट बन जाएगा। तब वह बुध (Mercury) और शुक्र (Venus) जैसे ग्रहों को निगल जाएगा। संभावना है किपृथ्वी भी इस गर्मी और फैलते आकार से नष्ट हो जाएगी।


वैज्ञानिकों के लिए इसका महत्व

 यह खोज बताती है कि तारों के जीवन चक्र में ग्रहों का भाग्य कैसा होता है। इससे यह भी समझने में मदद मिलेगी कि कितने ग्रह लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। भविष्य में, इससे हमारे सौरमंडल के अंत की झलक भी मिलती है। NASA का यह खुलासा ब्रह्मांड के रहस्यों को एक नई दिशा देता है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि  हर तारे और ग्रह का एक जीवन चक्र होता है और एक दिन, हमारे सूरज की तरह, सभी तारों को अपने अंत का सामना करना पड़ता है।
 


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vasudha

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